देशभर में बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने से जुड़े इंडिगो फ्लाइट संकट को लेकर संसदीय समिति ने कड़ा रुख अपनाया है। इस मामले में एयरलाइन और विमानन नियामक के अधिकारियों से समिति ने जवाब तलब किया, लेकिन उनके स्पष्टीकरण से समिति संतुष्ट नजर नहीं आई। सूत्रों के अनुसार, समिति ने साफ संकेत दिया है कि प्रस्तुत जवाब अधूरे और अस्पष्ट रहे।
समिति के सामने पेश हुए एयरलाइन और नियामक अधिकारी
फ्लाइट रद्द होने के मामले में एयरलाइन, विमानन नियामक और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी समिति के समक्ष उपस्थित हुए। इसके साथ ही अन्य प्रमुख एयरलाइनों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल रहे। चर्चा के दौरान उड़ानों के रद्द होने, यात्रियों को हुई परेशानी और एयरपोर्ट पर बनी अव्यवस्था पर विस्तार से सवाल किए गए।
सैकड़ों उड़ानें रद्द होने से मची थी अफरा-तफरी
बताया गया कि दिसंबर की शुरुआत से कई दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द की गई थीं। अचानक हुई इन रद्दियों के कारण यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और कई हवाई अड्डों पर अव्यवस्था की स्थिति बन गई थी। समिति ने इसी संकट की पृष्ठभूमि में जिम्मेदारी तय करने के लिए अधिकारियों से जवाब मांगा।
जवाबों से असंतुष्ट रही समिति
बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने उड़ानों के रद्द होने के कारणों, नियामकीय तैयारी और एयरलाइन प्रबंधन की भूमिका को लेकर कई तीखे सवाल किए। खास तौर पर यह जानने की कोशिश की गई कि उड़ान और क्रू ड्यूटी से जुड़े नए नियम लागू होने के बाद ऐसी स्थिति से निपटने के लिए क्या पर्याप्त तैयारी थी। अधिकारियों के जवाबों को समिति ने संतोषजनक नहीं माना।
जांच रिपोर्ट का इंतजार करेगी समिति
संसदीय समिति किसी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय की जांच रिपोर्ट का इंतजार करेगी। समिति का मानना है कि पूरी जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही यह तय किया जा सकेगा कि उड़ानों के रद्द होने और यात्रियों को हुई परेशानी की वास्तविक जिम्मेदारी किसकी है।
15 दिन बाद फिर तलब किए जाएंगे अधिकारी
अधूरी जानकारी और अस्पष्ट जवाबों के चलते समिति ने एयरलाइन और विमानन नियामक दोनों को 15 दिन बाद फिर से समिति के सामने पेश होने के निर्देश दिए हैं। समिति ने स्पष्ट किया है कि अगली बैठक में इस पूरे मामले पर ठोस और स्पष्ट जवाब अपेक्षित होंगे, ताकि भविष्य में ऐसे हालात दोबारा न बनें।