आखिर कब तक बनता रहेगा दि क्रिमिनल ट्राइब एक्ट जैसा काला कानून मासूमों का काल फिर शिकार बनी नौगांवा थाना कि मासूम बच्ची मेवात में कब मिलेगी इससे राहत…

नौगांव थाना क्षेत्र के तेलिया बास रघुनाथगढ़ मेवात क्षेत्र(राजस्थान)राज्य की एक माह की बच्ची का हत्या मामला राजस्थान विधानसभा के साथ साथ भारत संसद में भी गूंजा।2 मार्च 2025 सुबह 6:00 बजे मासूम बच्ची अलिस्बा के पिता इमरान जाति मेव के घर बिना महिला कॉस्टबेल पुलिस कर्मी दबिश या रेड देती हैं,इस दौरान पुलिस कर्मियों के पैर तले कुचली एक माह की बच्ची अलिस्बा कि हत्या हो जाती हैं।इसके बाद मासूम बच्ची की मौत पर परिजन व समाज के जिम्मेदार लोग एसपी आवास के बाहर धरना देते है ओर साथ ही महिला पुलिसकर्मी की गैर मौजदूगी पर सवाल करते है।

धरना के दौरान पांच पुलिसकर्मी लाइन हाजिर ओर इनमें से दो के खिलाफ मामला दर्ज होता हैं।इसके अगले दिन राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली मासूम बच्ची के मामले को राजस्थान विधानसभा सदन में उठाते हुए कहते है क्या मासूम बच्ची की जान वापस ले आओगे क्या उसको हक नहीं था जिंदा रहने का क्या पुलिस का यह काम रह गया लेकिन जो सबसे छोटा कर्मचारी हे उस पर गाज गिरेगी।में कहना चाहूंगा गृह राज्य मंत्री महोदय वह एसएचओ व डीएसपी उनकी जिम्मेदारी नहीं अपने कार्य क्षेत्र पर यह कार्यवाही जब हुई वह लोग एसपी के घर के बाहर बैठ गए जब आपको चेतना आई की हमें कार्यवाही करनी चाहिए।

मेवात क्षेत्र का रियासतकाल का ऐतिहासिक गांव कोलानी पाटन जिसे आज भी इसी नाम से जाना जाता हैं,लेकिन वर्तमान समय में सरकारी दस्तावेज में तेलिया बास रघुनाथगढ़ (नौगांवा थाना)के नाम से जाना जाता हैं।इसी गांव की मासूम बच्ची अलिस्बा है ओर इसी गांव में मासूम बच्ची अलिस्बा बैनर तले धरना प्रदर्शन चलता हे justice for alisba

अलिस्बा को न्याय कब आदि नारे तकती के साथ।इसी धरना प्रदर्शन स्थल पर 17 मार्च 2025 को राजा हसन खां मेवाती के 499 वा शाहादत दिवस कार्यक्रम किया जाता हैं,इसी कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ.किरोड़ी लाल मीणा शामिल होते है ओर पीड़ित वर्ग से मिलते है।कैबिनेट मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा पुलिस रबर का सांप बनाती हैं ओर लोगों को लूटती है।लूट-खरोट ओर अत्याचार को जड़ से खत्म करूंगा।तेलियाबास में पुलिस दबिश के दौरान 20 दिन की मासूम की मौत मामले में तो पुलिस ने मना कर दिया कि वे उस घर में घुसे ही नहीं।लेकिन पूर्व मंत्री नसरू खान ने मुझे प्रमाण दिए हैं।भरोसा रखे पुलिस के बड़े अधिकारियों से मिलकर जांच करवाऊंगा जिससे दिल्ली से जयपुर तक सच्चाई सामने आए।

मेवात में टाडा,पोटा,युएपीए व एन एस ए आदि कानून के अपराधी नहीं है फिर भी रात को घरों में दबिश दी जाती हैं,वह बिना महिला पुलिसकर्मी के अनेकों वारदाता ऐसी रोजाना साइबर ठगी,एंटी वायरस आदि अपराधी के नाम से होती है, जिनमें महिला से बदतमीजी के केस सामने आते है।साइबर ठगी,एंटी वायरस जैसे नाजायज शक के दायरे में सुबह 6 बजे इमरान जाति मेव के घर दबिश दी जाती हैं,कार्यवाही CTA एक्ट की तरह होती हैं ओर मासूम बच्ची की हत्या हो जाती हैं।

भारत सविधान अनुच्छेद 13 के अनुसार इमरान व उसके परिवार के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं किया राजस्थान सरकार ने या जब 1947 में भारत आजाद हुआ तब भारत में ‘द क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट’ 1924 प्रभावी रूप से कार्य कर रहा था क्या आज यह मेवात में प्रभावी है।उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की पहल पर सितम्बर 1949 को अनतसायनम आयंगर की अध्यक्षता में THE CRIMINAL TRIBES ACT ENQUIRY COMMITTEE गठित की गई।जिसके पेज 28 पर मेव जाति के बारे में लिखा हुआ है।इस समिति के आधार पर 31अगस्त 1952 इस काले कानून को समाप्त कर दिया गया ओर इसके स्थान पर 1959 में अदातन अपराध अधिनियम बना कर फिर से 1961 में राज्य सरकारों ने ऐसी जनजातियों की सूची जारी करना शुरू कर दिया।

दक्षिण भारत की CTA एक्ट की घटना राजकन्नु चंदू वकील 1993 में जिस पर जय भीम जैसी फिल्म/वेब सीरीज भी बनी हैं।उसी प्रकार उत्तरी भारत की मासूम बच्ची CTA एक्ट के तहत नौगांवा थाना(मेवात)शिकार हुई।वर्तमान समय में मासूम बच्ची का मामला राजस्थान राज्य तक सीमित नहीं रहता हैं,लोकसभा सदन में गूंजने के बाद राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन गया।बीते दिनों सीकर लोकसभा सांसद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा)CPI अमरा राम ने लोकसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश की सरकार “बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ” का नारा देती हैं पुलिस भक्षक बनकर 2 मार्च सुबह छः बजे नौगांवा के तेलिया बास के इमरान खान घर में रेड डालती हैं।जबकि इमरान ओर उसके परिवार के किसी व्यक्ति के खिलाफ अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।

पुलिस दरवाजा फांद कर अंदर प्रवेश करती है इमरान की पत्नी दरवाजा खोलती हैं, वहीं इस तरह नवजात बच्ची को बूटों से कुचल दिया जाता हैं।वहीं पुलिस उसकी जांच करती हैं।इससे बड़ी अफसोस जनक ओर कोई बात नहीं हो सकती हैं।सासंद अमरा राम ने सभापति से घटना की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की।

1965 लोकूर समिति,बालकृष्ण रेणके (JUNE 30,2008),भीकू रामजी इदाते(DECEMBER 2017) आदि कमिश्नर आयोग रिपोर्ट से आप जान सकते CTA एक्ट क्या।Idate Commission Report में उत्तराखंड राज्य के मेव(MEO) जो हिंदू उन्हें DENOTIFIED (विमुक्त) कर रखा है,इसका मतलब CTA एक्ट धर्म नहीं जातियों को टारगेट करता है।2023 में मेवात दंगा नूंह(हरियाणा)में होता हैं,जो पूरे देश भर में हिन्दू मुस्लिम धार्मिक दंगे के नाम से प्रसिद्ध होता हैं लेकिन हरियाणा सरकार की हरियाणा पुलिस नागरिक सेवा धारा 154 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत लिखती हैं अज्ञात 500/600 युवक मेव मुस्लिम अपराधी।अब समझ यह नहीं आता उसी हरियाणा पुलिस ने 249 मोस्ट वांडेट कि लिस्ट निकाली जिसमें सोनीपत जिला 42 मोस्ट वांडेट के साथ राज्य टॉप पर व एक मोस्ट वांडेट के साथ नूंह लिस्ट में सबसे नीचे या शांति प्रिय जिला रहा।नूंह जिले एक मोस्ट वांडेट कि हरियाणा सरकार ने जाति जानकारी नहीं दी लेकिन मेवात दंगा दंगे में एक जाति विशेष मेव समुदाय को ही टारगेट किया।वर्तमान समय में मासूम बच्ची को लेकर जो राष्ट्रीय मुद्दा बना हुआ हैं उसकी जाति मेव है जिसकी हत्या CTA एक्ट के तहत कार्यवाही से हुई है।सिविल सर्विस में जितने आई.पी.एस(i.P.S)अफसरों का चयन होता हैं।

उन्हें क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट’ का विषय पढ़ाया जाता हैं कि इन इन जातियों के लोगों के साथ आपको किस तरह से काम करना है और अगर मर्डर (हत्या),चोरी डकैती हो जाए तो किन लोगों को बंद करना है उसी के आधार पर बोल सकते CTA एक्ट 1871,1897,1911,1923 ओर 1924 शायद आज भी प्रभावी है जो आज भारत सविधान अनुच्छेद 14 ओर 16 (4), अनुच्छेद 38 व अनुच्छेद 32 आदि पर प्रश्न वाचक चिन्ह लगाता क्या आज इन जाति जनजाति के गरीब वंचित आदि आजाद हुए है या नहीं कब तक ऐसी मासूम बच्ची की हत्याएं होती रहेगी।

साहिल खान मेवाती।
सामाजिक कार्यकर्ता