आखिर क्यों आई भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध की नौबत, 60 घंटे में ही क्यों छोड़ना पड़ा विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को।


यह बात 27 फरवरी 2019 की है जब बालाकोट एयरस्ट्राइक की बाद भारतीय सेना अलर्ट थी। उस वक़्त वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तानी विमानों पर नजर रखने का जिम्मा दिया गया। सूचना यहाँ थी कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी लड़ाकू विमान कश्मीर में घुस सकते हैं यहाँ बात सही साबित हाई और अगली ही सुबह पाकितान की ओर से 10 F-16 विमान भारतीय सीमा की ओर आते दिखाई दिए.तभी भारतीय वायुसेना ने सभी पाकिस्तानी F-16 विमानों को टारगेट किया और पूरी ताकत से उनका सामना किया। भारतीय वायुसेना का हौशला देख पाकिस्तानी एयरफोर्स के नौ F-16 विमान मैदान छोड़ भाग निकले।

पाकिस्तान का एक F-16 विमान भारतीय विमानों से निचे की और उड़ रहा था.उसने भारत के ऑयल डिपो, सेना के गोला-बारूद के एक पॉइंट और आर्मी ब्रिगेड के हेडक्वार्टर को टारगेट किया। यहाँ देख भारतीय सीमा के सुखाेई SU-30 ने ऑयल फील्ड को बचाने के लिए F-16 ऊपर उड़ने लगा। तभी मिग-21 में बैठे विंग कमांडर अभिनंदन ने F-16 का पीछा करना शुरू किया,F-16 भारतीय सीमा से बाहर निकल चुका था। ठीक तभी मिग-21 ने F-16 पर R-73 मिसाइल को लॉन्च की और लगभग 10:08 बजे विंग कमांडर अभिनंदन की R-73 मिसाइल एकदम F-16 जेट पर जाकर लगी। इस बिच अभिनंदन पाकिस्तानी सीमा में आ चुके थे.और पाकिस्तानी मिसाइल का निशाना बन गये.मिग-21 को क्रैश होता देख अभिनंदन पैराशूट की मदद से भर कूदे और कश्मीर के होरान गांव पहुंच गए जो पाकिस्तान के कब्जे में है।

तभी अभिनंदन गांव के स्थानीय लोगो से पूछा की यहाँ कौनसी जगह है.तो उन्होने भारत बतया। तभी अभिनंदन ने जय हिन्द के साथ काली माता की जय का नारा लगया। यहाँ देख स्थानीय लोगो की भीड़ से किसी ने पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाये । यहाँ सुन अभिनंदन ने अपनी पिस्तौल निकलीं और भीड़ की ओर की साथ ही जेब से एक कागज का टुकड़ा निकला और उसे निगल गए। दूसरी जब से एक और कागज निकाला यहाँ थोड़ा बड़ा था तो उसके छोटे-छोटे टुकड़े कर फेक दिए और यहाँ से भाग निकले यहाँ देख लोगो ने उनका पीछा किया और पत्थर मरना शुरू कर दिया।अभिनंदन भागते हुए एक पानी के तालाब पर पहुंचे और उसमे छलांग लगा दी हलाकि उसका पानी काम था जहा उन्होने पानी पिया तब तक लोगो ने उन्हे चारो और से घेर लिया और मारने लगे.तभी पाकिस्तानी सेना आई और लोगो से अभिनंदन को बचा कर अपने साथ ले गई।

पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद की एक बैठक बुलाई। जिसमें तय हुआ कि पाकिस्तान की सरकार अभिनंदन को रिहा करेगी।कई मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान पर अमेरिका, चीन समेत कई बड़े देशों द्वारा अभिनंदन को छोड़ने का दबाव था।1 मार्च की सुबह अभिनंदन को बाघा-अटारी बॉर्डर परबी रिहा कर गया। वहां से सेना के अधिकारी उन्हें अमृतसर ले गए। और अभिनंदन अमृतसर से दिल्ली लाये गए. यहाँ उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया।

अभिनंदन के आंखो पर चोट थी और एक हड्डी में भी चोट थी। इसके अलावा कोई वहां उनको हॉस्पिटल ले जाया गया। अभिनंदन के आंख पर चोट थी और एक हड्डी में भी चोट पाई गई। हालांकि उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं थी।गंभीर चोट नहीं थी।