बिहार में शपथ ग्रहण समारोह पूरा होते ही बीजेपी ने तुरंत अपना फोकस पश्चिम बंगाल पर शिफ्ट कर दिया है। पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव से काफी पहले ही बड़े पैमाने पर संगठनात्मक तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी रणनीति के अनुसार छह राज्यों के संगठन मंत्रियों को बंगाल के पांच प्रमुख जोनों में तैनात किया गया है। इनके साथ छह वरिष्ठ नेताओं को भी जोड़ा गया है, जो अगले पांच महीनों तक वहीं रहकर पूरे क्षेत्र में काम करेंगे।
बंगाल के राढ़बंगा क्षेत्र में नई टीम की जिम्मेदारी
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, राढ़बंगा इलाके की कमान छत्तीसगढ़ के संगठन मंत्री पवन साईं को दी गई है। उनके साथ उत्तराखंड सरकार के मंत्री धन सिंह रावत को लगाया गया है। उद्देश्य यह है कि पुरुलिया और वर्धमान जैसे इलाकों में बीजेपी का आधार मजबूत किया जा सके। इसी तरह हावड़ा, हुगली और मेदिनीपुर क्षेत्र का कार्यभार दिल्ली के संगठन मंत्री पवन राणा को सौंपा गया है।
हावड़ा-हुगली से मेदिनीपुर तक नई तैनाती
हावड़ा–हुगली क्षेत्र में पवन राणा के साथ हरियाणा के वरिष्ठ नेता संजय भाटिया काम करेंगे। वहीं मेदिनीपुर संभाग की जिम्मेदारी यूपी के मंत्री जेपीएस राठौर को सौंपी गई है। यह वही इलाका है जहां शुभेंदु अधिकारी के प्रभाव के चलते राजनीतिक माहौल हमेशा गर्म रहता है। इसके अलावा कोलकाता महानगर और दक्षिण 24 परगना की कमान हिमाचल के संगठन मंत्री एम. सिद्धार्थन को दी गई है।
कोलकाता-24 परगना में अनुभवी टीम का मोर्चा संभालना
इस रणनीति के तहत सिद्धार्थन के साथ कर्नाटक के पूर्व महामंत्री सीटी रवि को तैनात किया गया है। कोलकाता को टीएमसी का सबसे मजबूत किला माना जाता है, इसलिए पार्टी ने यहां अपनी सबसे अनुभवी टीम को डिप्लॉय किया है।
नवद्वीप और उत्तर 24 परगना में आंध्र प्रदेश के संगठन मंत्री एन. मधुकर को जिम्मेदारी दी गई है, जिनके साथ यूपी के मंत्री सुरेश राणा को लगाया गया है।
उत्तरी बंगाल में नई तैनाती, रणनीति और भूमिकाएँ
उत्तर बंगाल के लिए मालदा क्षेत्र की कमान अरुणाचल प्रदेश के संगठन मंत्री अनंत नारायण मिश्र को दी गई है। वहीं सिलीगुड़ी में कर्नाटक के संगठन मंत्री अरुण बिन्नाडी को भेजा गया है। जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी भी सक्रिय रहेंगे और चुनावी गतिविधियों को गति देंगे।
बूथ और पन्ना प्रमुखों की तैनाती लगभग पूरी
बीजेपी ने बंगाल में जमीनी स्तर पर पकड़ मजबूत करने के लिए बूथ और पन्ना प्रमुखों की बहाली अक्टूबर में ही 75% से अधिक पूरी कर ली थी। साथ ही 250 से अधिक सीटों पर एक पुरुष और एक महिला विस्तारक नियुक्त किए जा चुके हैं। यह दिखाता है कि पार्टी हर स्तर पर मजबूत नेटवर्क बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
पहली बार इतने बड़े पैमाने पर जमीनी तैनाती
यह पहली बार है जब बीजेपी ने बंगाल में इतने बड़े पैमाने पर बाहरी राज्यों के संगठन मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को लगातार महीनों तक तैनात किया है।
बिहार में सरकार गठन के बाद बंगाल में तेज़ी से एक्टिव होने से पार्टी का स्पष्ट संदेश है कि 2026 का विधानसभा चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि पूर्वी भारत में अपनी मजबूत जमीन तैयार करने का निर्णायक अभियान है।