महाकाल लोक की तर्ज पर धारेश्वर लोक निर्माण होना है। इसमें अलग-अलग चरणों में काम पूरा होगा। थ्रीडी वॉक थू प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिसके हिसाब से निर्माण होगा। जिसको लेकर विगत दिनों जिला प्रशासन की ओर से समोराह का आयोजन किया गया। इसमें वीडियो प्रेजेटेंशन के आधार पर लोक निर्माण की तस्वीर पेश की गई।
विधायक नीना वर्मा ने किया जनसहयोग का आह्वन
विधायक नीना वर्मा द्वारा इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे थे। उनके द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष भी कई बार मांग रखी गई थी। विधायक ने कहा कि बाबा धारनाथ के आशीर्वाद से शहर विकास की रफ्तार में आगे बढ़ रहा है। धारेश्वर मंदिर जन आस्था का केंद्र भी है। धारेश्वर लोक का निर्माण होने से विशेष पहचान मिलेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे धारेश्वर लोक निर्माण में सक्रिय रूप से सहभागी बनें और इसे जनआस्था का भव्य प्रतीक बनाने में योगदान दें।
पर्यटन और आध्यात्मिकता का अनोखा संगम
पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने कहा कि यह लोक आने वाले समय में पर्यटन और आध्यात्मिकता का अनोखा संगम बनेगा। इस मौके पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने कहा कि धारनाथ मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जनभावनाओं का केंद्र भी है। धारेश्वर लोक के रूप में इसका विकास क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को और सशक्त करेगा। हर साल भादौ में बाबा का आकर्षक छबीना निकलता है। जिसमें धारनाथ पालकी में विराजित होकर प्रजा के हाल जानने निकलते हैं।
राजा भोज ने की थी स्थापना
राजनेता से लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी बाबा के दरबार में हाजरी लगाते है। मान्यता है कि भगवान धारनाथ की स्थापना राजा भोज द्वारा की गई थी। यह मंदिर हजारों साल पुराना है। मुगल आक्रांताओं ने मंदिर पर आक्रमण कर तोडफोड़ कर नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया था, लेकिन भगवान धारनाथ के चमत्कार देखकर मुगल शासक उल्टे पैर भाग खड़े हुए।
थ्रीडी वीडियो प्रेजेंटेशन में दिखा विराट स्वरूप
आयोजित सम्मेलन में जनता और जनप्रतिनिधियों के समक्ष धारेश्वर लोक निर्माण की संपूर्ण जानकारी वीडियो प्रेजेंटेशन के रूप में दिखाई गई, जिसे मौजूद आमजन ने भी खूब सराहा। बीडी प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके अनुरूप काम होगा। कार्यक्रम में महंत नीलेश भारती, एसडीएम राहुल गुप्ता धारनाथ आरती मंडल के सदस्य, समाजजन और अनेक नागरिक उपस्थित रहे।
सत्संग भवन का होगा निर्माण
धारेश्वर लोक निर्माण में मुख्य मंदिर पुराने ही स्वरूप में रहेगा। जबकि मंदिर के पिछले हिस्से में खाली जगह और पास की जगह पर निर्माण कार्य, सुंदर गार्डन, लाइटिंग आदि लगाई जाएगी, जिसके आकर्षण से भक्तों को भी आनंद की अनुभूति होगी।