भारत में अब वोटर आईडी (EPIC) को आधार से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी है। इस कदम का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।
चुनाव आयोग ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया कि संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के तहत ईपीआईसी को आधार से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। आयोग ने यह भी बताया कि इससे पहले सरकार ने पैन कार्ड को आधार से जोड़ने का कदम उठाया था।
मतदाता पहचान को सुनिश्चित करना: तकनीकी और कानूनी कदम
इस फैसले के तहत निर्वाचन आयोग और यूआईडीएआई के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही तकनीकी परामर्श शुरू होगा। चुनाव आयोग का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5), और 23(6) के अनुसार होगा, साथ ही सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भी पालन किया जाएगा।
मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदान का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त है। आधार कार्ड एक पहचान प्रमाण है, लेकिन मतदान के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।