एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। इसको लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मणिकम टैगोर ने इसकी आलोचना की है। इन्होने उपराष्ट्रपति पद उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को आरएसएस का आदमी करार दिया है।
कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने कहा कि प्रधानमंत्री और स्पीकर के बाद एक और महत्वपूर्ण पद को संरक्षण की लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है। एनडीए ने एक और महत्वपूर्ण पद पर आरएसएस के नेता की ताजपोशी करने की तैयारी कर ली है। यहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विपक्ष से आम सहमति बनाने की बात कही है।
ट्विटर पर की टिप्पणी
कांग्रेस नेता टैगोर ने एक्स पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, “भारत के उपराष्ट्रपति। प्रधानमंत्री और स्पीकर के बाद अब एक और संस्थान अपनी रक्षा के लिए एक और लड़ाई लड़ेगा। आशा है इंडिया ब्लॉक निर्णय लेगा।”
जेपी नड्डा ने जताई निर्विरोध चुनाव की संभावना
भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि पार्टी आम सहमति और संभवतः निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष से संपर्क करेगी। नड्डा ने कहा, “हम विपक्ष से भी बात करेंगे। हमें उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उनका समर्थन भी हासिल करना चाहिए।
राजनाथ सिंह की देखरेख में चुनाव
9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की ओर से राजनाथ सिंह की देखरेख करेगे। बता देंकि एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित किया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इसकी घोषणा की थी। राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पर में हुआ था। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। बचपन से ही वे RSS से जुड़े थे और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। साल 1996 में वे भाजपा तमिलनाडु के सचिव बने और 1998 में पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। 1999 में उन्हें दोबारा जीत मिली।
सांसद रहते हुए उन्होंने कपड़ा उद्योग संबंधी संसदीय समिति की अध्यक्षता की और महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य भी रहे। 18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। यहां उन्होंने सिर्फ चार महीने में सभी 24 जिलों का दौरा कर लोगों और अधिकारियों से मुलाकात की। 31 जुलाई 2024 को वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने।