इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व पूरे भारत में 9 अगस्त 2025 को बड़े ही उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार यह त्योहार बेहद शुभ योगों के साथ मनाया जाएगा और इसमें भद्रा का कोई साया नहीं होगा, जो इसे और भी खास बना देता है। बहनों को इस बार न तो समय की चिंता करनी पड़ेगी, न ही भद्रा के समाप्त होने का इंतजार करना पड़ेगा।
इस बार नहीं रहेगा भद्रा दोष, पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ
पिछले तीन वर्षों से रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल के कारण कभी दोपहर तो कभी रात तक राखी बांधने के लिए इंतजार करना पड़ा था। लेकिन इस बार भद्रा का समापन 8 और 9 अगस्त की मध्य रात्रि के बाद ही हो जाएगा। इसका मतलब है कि 9 अगस्त को पूरा दिन शुभ रहेगा और बहनें सूर्योदय से ही अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी। यह एक दुर्लभ संयोग है, जो त्योहार को और भी पावन और सुखद बनाएगा।
भद्रा दोष: क्यों नहीं किया जाता इसमें शुभ कार्य
हिंदू धर्म में भद्रा काल को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनि की बहन मानी जाती है। इसका वास जब पृथ्वी लोक में होता है, तब कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है। वहीं अगर भद्रा का वास स्वर्ग या पाताल लोक में हो, तो शुभ कार्य किए जा सकते हैं। यही कारण है कि पूर्णिमा तिथि पर आने वाले पर्वों में भद्रा की विशेष गणना की जाती है, ताकि उसका दोष न लगे।
2025 रक्षाबंधन में बन रहे हैं कई शुभ योग
इस बार रक्षाबंधन पर केवल भद्रा दोष ही नहीं हटेगा, बल्कि साथ ही कई शुभ और दुर्लभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग, श्रवण और धनिष्ठा नक्षत्र, सौभाग्य योग, वर्धमान योग, और आनंदादि योग का संयोग बन रहा है। इसके अलावा सूर्य देव कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में स्थित रहेंगे, जिससे दिन की शुभता और भी बढ़ जाएगी। ये सभी योग रक्षाबंधन को अत्यंत फलदायी और विशेष बना देंगे।