अब WhatsApp पर मिलेगा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, यूपी में यह सुविधा शुरू करने वाला पहला शहर बना

आगरा में रहने वाले लोगों के लिए अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना बेहद आसान हो गया है। आगरा नगर निगम ने एक बड़ी पहल करते हुए इन जरूरी दस्तावेजों को WhatsApp पर उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की है। इस ‘स्मार्ट सर्विस’ के साथ, आगरा यह सुविधा देने वाला उत्तर प्रदेश का पहला शहर बन गया है।

इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के बार-बार चक्कर लगाने की परेशानी से बचाना है। अब आवेदन करने के बाद प्रमाण पत्र सीधे उनके मोबाइल फोन पर PDF फॉर्मेट में आ जाएगा, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।

कैसे काम करेगी यह नई सुविधा?

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रक्रिया काफी सरल रखी गई है। जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय आवेदक को अपना WhatsApp नंबर दर्ज कराना होगा। जैसे ही संबंधित रजिस्ट्रार द्वारा प्रमाण पत्र को मंजूरी दी जाएगी और उस पर डिजिटल हस्ताक्षर हो जाएंगे, सिस्टम स्वचालित रूप से प्रमाण पत्र की PDF कॉपी आवेदक के WhatsApp नंबर पर भेज देगा।

यह डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र पूरी तरह से वैध होगा और इसे किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी काम के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे लोगों को प्रमाण पत्र की कॉपी लेने के लिए नगर निगम कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

दफ्तरों के चक्कर और लंबी लाइनों से मिलेगी मुक्ति

अब तक लोगों को जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कई बार नगर निगम के चक्कर काटने पड़ते थे। आवेदन जमा करने से लेकर प्रमाण पत्र हासिल करने तक की प्रक्रिया में काफी समय लगता था और लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता था। इस ऑनलाइन सुविधा से इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।

नगर निगम के आईटी अधिकारी अंकित कुब्बा ने बताया कि यह स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका लक्ष्य प्रशासन को पेपरलेस बनाना और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।

अधिकारियों ने दी जानकारी

अपर नगर आयुक्त पंकज भूषण ने इस पहल की जानकारी देते हुए कहा कि आगरा नगर निगम लगातार टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सेवाओं को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया, “यह सेवा पूरी तरह से सुरक्षित है और इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी। WhatsApp पर भेजा गया प्रमाण पत्र हर जगह मान्य होगा।” इस कदम से न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि निगम के कर्मचारियों पर भी काम का बोझ कम होगा।