अहिल्या पथ योजना का विरोध : किसानों ने IDA को घेरा, जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे

स्वतंत्र समय, इंदौर

आईडीए ( IDA ) की अहिल्या पथ योजना को लेकर किसानों का गुस्सा चरम पर है। इस योजना के खिलाफ किसानों ने आईडीए कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और योजना को रद्द करने की मांग की।अहिल्या पथ योजना के पीडि़त किसानों व पीडि़त मजदूरो ने आज इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा दो घंटे तक घेराव किया इंदौर विकास प्राधिकरण के घेराव में बड़ी संख्या में पीडि़त किसान पहुंचे थे। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने आईडीए को चेतावनी दी है की वे जमीन के लिए अपनी जान दे देंगे ,लेकिन जमीन नहीं देंगे। किसानों ने बताया की आईडीए योजना के लिए साढ़े ग्यारह सौ हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने वाला है। प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री बबलू जाधव ,शैलेंद्र पटेल, हंसराज मंडलोई, संतोष सुनैर, रायसिंह चावड़ा आदि ने किया।

 IDA की अहिल्या पथ योजना पर किसानों का आरोप

इस मोके पर किसानों ने आईडीए ( IDA ) परिसर का घेराव करते हुए कई वक्ताओं ने संबोधित किया। किसानों का आरोप है कि आईडीए ने बिल्डरों के साथ मिलकर पहले से ही इस योजना को तय कर लिया था, जिससे 10 गांवों के करीब 1000 किसान प्रभावित होंगे। इनमें से 60-70 फीसदी किसानों ने पहले ही जमीन खरीदकर टीएनसी डायवर्जन करवा लिया था, लेकिन अब उनकी जमीनें इस योजना में आ रही हैं। योजना के कारण 200 से अधिक गरीब परिवारों के मकान भी तोड़े जाने की संभावना है, जिससे वे बेघर हो जाएंगे। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर ज्ञापन देने के बावजूद अहिल्या पथ योजना को रद्द नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन पर उतरेंगे और इस बार काली दीपावली मनाकर विरोध जताएंगे।

योजना को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए

उनका कहना था कि अहिल्या पथ योजना में प्राधिकरण साढ़े ग्यारह सौ हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने वाला है, जो की खेती और किसानों को बबार्दी की ओर ले जाएगा । इस योजना में कई गरीबों के आशियाने रहने के घर तोड़े जाएंगे जो सरासर गरीबों के साथ अन्याय होगा इसलिए इस योजना को तत्काल रद्द किया जाए। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने जमकर नारेबाजी की। अहिल्या पथ योजना रद्द करो के नारे के साथ किसानों ने जान दे देंगे जमीन नहीं देंगे के नारे भी लगाते रहें।

कई सवाल उठाए पर आईडीए ने जवाब नहीं दिया

संयुक्त किसान मोर्चा और अहिल्या पथ संघर्ष समिति के आव्हान पर किसान शुक्रवार सुबह प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे थे। करीब 2 घंटे तक प्राधिकरण कार्यालय के मुख्य द्वार पर किसानों ने धरना दिया और प्राधिकरण कार्यालय का रास्ता बंद कर दिया प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रदर्शन के दौरान ही मौजूद आइडिए के भू अर्जनअधिकारी सुदीप मीणा से सवाल जवाब किए किसानों ने योजना से संबंधित प्राधिकरण की पुरानी योजनाओं को पूरा नहीं किए जाने को लेकर कई सवाल उठाए जिनका प्राधिकरण अधिकारी जवाब नहीं दे पाए।

किसान एकजुट होकर इसका पुरजोर विरोध करेंगे

किसानों ने इस प्रदर्शन के माध्यम से आयडीए को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि प्राधिकरण ने जोर जबरदस्ती से योजना लागू करने की कोशिश की तो किसान एकजुट होकर इसका पुरजोर विरोध करेंगे और यदि इसमें किसी भी तरह की नुकसानी होती है, जान माल की हानि होती है तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी इंदौर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन की होगी।

प्रदर्शन में ये किसान मौजूद

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से गोकुल पटेल, हेम सिंह सिसोदिया रामप्रसाद पटेल, विनोद सिसोदिया, अमर बागवान, मुकेश सिसोदिया राजेंद्र यादव, सुनील सुनेर, बलराम चावडा, राजेंद्र सिंह चौहान, जसवंत सिसोदिया, राम राठौर, जितेंद्र चावड़ा, महेश सिसोदिया मनोज सुनेर, दिलीप सिंह पंवार, लाखन पटेल, विजय सिंह, महेंद्र सिंह चावड़ा, मुकेश गेहलोद, सोनू सिसोदिया, आशीष मोरी राहुल सिसोदिया, आनंद पटेल, अमित सिसोदिया सहित बड़ी संख्या में किसान शरीक थे।