Ahmedabad Plane Crash : परिजनों को सौपा जा रहा शव, डीएनए जांच में 9 की हुई पहचान

अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे के बाद पीड़ितों की पहचान का कार्य तेजी से चल रहा है। हाल ही में खेड़ा ज़िले की पूनमाबेन के शव की डीएनए मिलान के जरिए पुष्टि हो गई है और अब उनका शव परिवार को सौंप दिया गया है। यह पहचान डीएनए परीक्षण के आधार पर संभव हो सकी, जो इस हादसे के बाद पीड़ितों की पहचान के लिए अनिवार्य प्रक्रिया बन गई है।

एक और शव की जल्द पहचान संभव, कुल नौ नमूनों का हुआ मिलान

अधिकारियों ने जानकारी दी कि एक अन्य पीड़ित के शव को भी आज शाम या कल सुबह तक परिवार को सौंपे जाने की संभावना है, क्योंकि कुल मिलाकर अब तक नौ डीएनए नमूनों का सफल मिलान किया जा चुका है। इससे पहले, हादसे के आठ शव ऐसे थे जिनकी स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर थी और परिजनों ने सीधे उनकी पहचान कर ली थी, इसलिए उन्हें डीएनए टेस्ट की आवश्यकता नहीं पड़ी।

270 शव पहुंचे अस्पताल, चल रहा है डीएनए मिलान

डॉक्टरों के अनुसार, अब तक दुर्घटनास्थल से करीब 270 शवों को अस्पताल लाया गया है। चूंकि अधिकांश शव बुरी तरह झुलस चुके हैं, इसलिए डीएनए परीक्षण की मदद से ही उनकी पहचान सुनिश्चित की जा रही है। कई परिवार अहमदाबाद पहुंचकर डीएनए सैंपल दे रहे हैं, वहीं कुछ परिजन विदेश से भी भारत लौटे हैं।

दुर्घटना का मंजर

यह दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ जब एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, गुरुवार दोपहर ‘मेडे’ सिग्नल भेजने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में आग लगने के बाद वह अहमदाबाद के एक घनी आबादी वाले रिहायशी इलाके में आ गिरा। इस दुर्घटना को भारत के विमानन इतिहास की सबसे गंभीर घटनाओं में से एक माना जा रहा है।

विमान में कुल 242 यात्री, मात्र एक की जान बची

इस विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई नागरिक और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। लेकिन दुखद रूप से, केवल एक व्यक्ति, 40 वर्षीय व्यवसायी विश्वाश कुमार रमेश इस हादसे में जीवित बच पाया। वह इमरजेंसी निकास के पास सीट 11A पर बैठा था, जो संभवतः उसकी जान बचाने में अहम साबित हुआ।

आंखों के सामने देखा मौत का मंजर

विश्वाश कुमार रमेश ने बताया कि हादसे के क्षणों में उसे लगा कि अब उसकी मौत निश्चित है। लेकिन होश में आने पर जब उसने खुद को जीवित पाया, तो सबसे पहले सीट बेल्ट खोली और भाग निकला। उसने यह भी बताया कि उसके पास बैठा जोड़ा और एक एयरहोस्टेस उसकी आंखों के सामने दम तोड़ गए। इस हादसे ने उसे जीवन की नयी दृष्टि दे दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल पहुंचकर रमेश से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। फिलहाल रमेश जलने और चोटों के इलाज के लिए भर्ती हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है, जो दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच में मदद करेगा।