विश्व बैंक की दक्षिण एशिया की मुख्य अर्थशास्त्री फ्रांजिस्का ओहन्सॉर्गे का कहना है कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को अपनाकर बड़े आर्थिक लाभ की स्थिति में है। उनका यह भी दावा है कि AI के तेजी से अपनाए जाने से देश में प्राइवेट निवेश को नई रफ्तार मिल सकती है। हालांकि, उनका मानना है कि यह बदलाव इतना बड़ा होगा कि यह मैक्रोइकोनॉमिक आंकड़ों में साफ दिखेगा या नहीं, इसे अभी निश्चित तौर पर कहना मुश्किल है।
AI की तैयारी और तेजी से अपनाना
ओहन्सॉर्गे ने बताया कि भारत का AI रेडीनेस इंडेक्स अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी उच्च है और यह विकसित देशों के स्तर के करीब है। उन्होंने कहा कि AI का सबसे अधिक इस्तेमाल BPO सेक्टर में देखा जा रहा है। ChatGPT के लॉन्च के बाद AI स्किल वाले जॉब पोस्टिंग्स दोगुने हो गए हैं और अब ये कुल नौकरियों का लगभग 12% हिस्सा हैं। यह अन्य सेक्टरों की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा है।
AI के तेजी से अपनाने का असर सर्विस एक्सपोर्ट पर भी देखा जा रहा है। ChatGPT आने के बाद कंप्यूटर सेवाओं के निर्यात में 30% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि कुल सेवाओं के निर्यात में वृद्धि स्थिर बनी रही।
निजी निवेश: धीमा, लेकिन स्थिर
महामारी के बाद भारत में निजी निवेश की वृद्धि थोड़ी धीमी हुई है, जबकि कई अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में यह बढ़ी। इसके बावजूद, सरकारी निवेश तेजी से बढ़ा है। ओहन्सॉर्गे के अनुसार, धीमी गति के बावजूद भारत में निजी निवेश की वृद्धि अधिकांश विकासशील देशों की तुलना में बेहतर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) अंतरराष्ट्रीय मानकों की तुलना में थोड़ा कमजोर है।
साथ ही, सेवाओं के अलावा टैरिफ और नए व्यापार समझौते भारत में मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
भारत के लिए संभावित आर्थिक फायदा
ओहन्सॉर्गे ने यह भी बताया कि मैक्सिको और वियतनाम जैसे देशों की अर्थव्यवस्थाओं को उनके व्यापारिक साझेदारों के साथ लगभग 50% GDP तक पहुंच मिली है। भारत की फिलहाल इस तरह की पहुँच केवल 12% GDP के बराबर है।
अगर भारत UK, यूरोपीय संघ (EU), ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और संभवतः अमेरिका के साथ समझौते करता है, तो यह पहुंच भी 50% GDP तक बढ़ सकती है। उन्होंने UK ट्रेड एग्रीमेंट को पिछले दशक का सबसे महत्वाकांक्षी समझौता बताया, क्योंकि इसमें सिर्फ टैरिफ नहीं, बल्कि सेवाओं और श्रमिक गतिशीलता (labour mobility) को भी शामिल किया गया है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट और GDP अनुमान
विश्व बैंक अपनी दक्षिण एशिया रिपोर्ट 7 अक्टूबर को जारी करेगा। इससे पहले जून में जारी रिपोर्ट में भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान FY26 के लिए 6.5% और अगले वित्त वर्ष के लिए 6.7% लगाया गया था।
ओहन्सॉर्गे के अनुसार, AI को अपनाने और नए व्यापार समझौतों के जरिए भारत की अर्थव्यवस्था को लंबी अवधि में मजबूत और सतत विकास की दिशा में गति मिल सकती है।