AI से भारत की अर्थव्यवस्था में नई रफ्तार, रोजगार के असंख्य मौके होंगे तैयार

NITI Frontier टेक हब और NITI Aayog द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को भारत की अर्थव्यवस्था का निर्णायक साधन बताया गया है। नीति आयोग के सीईओ BVR Subrahmanyam ने कहा कि एआई के सहयोग से भारत न केवल दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनेगा बल्कि लंबे समय तक विकास की राह पर आगे भी बढ़ेगा।

नौकरियों पर असर – डर या अवसर?

जहां आम लोगों को एआई के कारण नौकरियां जाने का डर है, वहीं Subrahmanyam का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नई किस्म की नौकरियों और रोजगार के अवसर पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में स्किल्ड वर्कफोर्स की मांग तेजी से बढ़ेगी और एआई इस बदलाव का प्रमुख कारक होगा।

8% से अधिक विकास दर का लक्ष्य

रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत प्रोडक्शन और इनोवेशन में एआई का सही उपयोग करता है तो देश 8% से अधिक की वार्षिक विकास दर हासिल कर सकता है। यह लक्ष्य भारत को अपेक्षा से कहीं तेज़ी से विकसित राष्ट्र की श्रेणी में पहुंचा सकता है।

GDP में अभूतपूर्व बढ़ोतरी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का असर भारत की GDP पर भी स्पष्ट रूप से देखने को मिलेगा। अनुमान है कि 2035 तक एआई के प्रयोग से देश की GDP 8.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। केवल एआई की मदद से ही भारत को कम से कम 2 ट्रिलियन डॉलर का अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलने की संभावना जताई गई है।

सरकार और उद्योग के लिए रोडमैप

Subrahmanyam ने बताया कि फिलहाल उद्योग जगत के लिए एआई का रोडमैप तैयार किया गया है। आने वाले समय में सरकार, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट क्षेत्रों के लिए भी विशेष एआई रोडमैप बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि भारत में अधिक से अधिक रोजगार उत्पन्न हों और युवाओं को नई तरह की नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।

वैश्विक स्तर पर भारत की साख मजबूत

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एआई के इस्तेमाल से भारत न केवल तकनीकी सेवाओं में इनोवेशन को बढ़ावा देगा बल्कि टेक्नोलॉजी सर्विस सेक्टर में वैश्विक नेतृत्व की स्थिति और मजबूत करेगा। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता और भी बढ़ जाएगी।