मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना’ अब जीवन रक्षक साबित हो रही है। इस योजना के चलते सिंगरौली जिले के एक गंभीर रूप से बीमार मरीज की समय रहते जान बचाई जा सकी। यह घटना बताती है कि सरकार आम जनता, खासकर दूरदराज़ क्षेत्रों में बसे गरीब वर्ग के प्रति कितनी संवेदनशील है।
समय पर मिला हवाई इलाज, बच गई जान
दिनांक 23 जुलाई को सिंगरौली जिले के 45 वर्षीय संदीप कुमार सिंह की तबीयत अचानक बेहद खराब हो गई। उन्हें कार्डियोजेनिक शॉक का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उनका ब्लड प्रेशर लगातार गिर रहा था। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्थिति रेनल फेलियर का कारण बन सकती थी और सड़क या रेल मार्ग से यात्रा उनके लिए अत्यंत जोखिमभरी हो सकती थी। ऐसे में ‘पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना’ के अंतर्गत तत्काल उन्हें एयर एम्बुलेंस के ज़रिए सिंगरौली से भोपाल स्थित एम्स अस्पताल भेजा गया, जहाँ सफलतापूर्वक इलाज कर उनकी जान बचाई गई।
परिजनों का आभार और भावुक प्रतिक्रिया
श्री संदीप कुमार सिंह के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यदि यह सेवा समय पर न मिली होती, तो शायद परिणाम भयानक हो सकते थे। यह सेवा उन परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है जो इलाज की सुविधा से वंचित रहते हैं।
योजना का उद्देश्य और लाभ
‘पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा’ का मूल उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं, औद्योगिक घटनाओं या प्राकृतिक आपदाओं के शिकार हुए गंभीर मरीजों को त्वरित एवं सुरक्षित चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। यह सेवा प्रदेशवासियों के लिए एक जीवनदायिनी पहल बन चुकी है, खासकर तब, जब मरीज की हालत इतनी गंभीर हो कि सामान्य परिवहन उनके लिए खतरनाक हो।
किसे और कैसे मिलता है लाभ?
इस योजना का लाभ विशेष रूप से आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आने वाले कार्डधारकों को दिया जाता है। उन्हें राज्य के भीतर और राज्य के बाहर सूचीबद्ध सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए नि:शुल्क एयर एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
जो लोग आयुष्मान कार्डधारी नहीं हैं, उन्हें भी राज्य के अंदर सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क हवाई परिवहन की सुविधा मिलती है। वहीं, यदि राज्य से बाहर इलाज की आवश्यकता हो, तो वे निर्धारित शुल्क पर इस सेवा का उपयोग कर सकते हैं।
सेवा की प्रक्रिया और आवेदन कैसे करें?
राज्य के किसी भी जिले से यह सेवा प्राप्त की जा सकती है। इच्छुक नागरिकों को अपने जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) या मेडिकल कॉलेज अधिष्ठाता की अनुशंसा प्राप्त करनी होती है। इसके आधार पर जिला कलेक्टर राज्य के भीतर इलाज हेतु हवाई परिवहन की अनुमति प्रदान करते हैं।
यदि मरीज को राज्य से बाहर इलाज के लिए भेजना हो, तो भोपाल स्थित चिकित्सा शिक्षा संचालनालय या स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय द्वारा स्वीकृति दी जाती है। सशुल्क मामलों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।