Air India Crash: ‘हम सच्चाई के साथ खड़े हैं’: विमानन मंत्री ने पश्चिमी मीडिया को लताड़ा

Air India Crash: 12 जुलाई को अहमदाबाद के पास हुई भयावह एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच को लेकर विमानन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने सोमवार को राज्यसभा में बयान देते हुए पश्चिमी मीडिया की आलोचना की। उन्होंने कहा कि दुर्घटना के कारणों को लेकर जो आरोप पायलटों पर लगाए जा रहे हैं, वे बिना साक्ष्य के हैं और अंतिम रिपोर्ट आने से पहले ऐसे निष्कर्ष निकालना गलत है।

नायडू ने पश्चिमी मीडिया पर आरोप लगाया कि वह “अपना नैरेटिव गढ़ने” की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “पश्चिमी मीडिया जो कर रही है, वह अटकलें हैं। हम सच्चाई के साथ खड़े हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दुर्घटना की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ अंतरराष्ट्रीय विमानन मानकों के अनुसार की जा रही है।

राज्यसभा में पूछे गए सवालों के जवाब में नायडू ने एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह रिपोर्ट केवल यह बताती है कि क्या हुआ, न कि क्यों हुआ। “AAIB की रिपोर्ट ने केवल घटना को बताया है। सभी सवालों के स्पष्ट उत्तर अंतिम रिपोर्ट से ही मिलेंगे,” उन्होंने कहा।

एक महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर इशारा करते हुए मंत्री ने बताया कि इस दुर्घटना के ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण पहली बार भारत में ही किया गया है, जो देश की तकनीकी क्षमता में एक बड़ी छलांग है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है ताकि जांच निष्पक्ष और तथ्य आधारित हो।

सरकार की ओर से सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए कदमों पर बोलते हुए नायडू ने जानकारी दी कि एक उच्च स्तरीय समिति, केंद्रीय गृह सचिव के नेतृत्व में, गठित की गई है, जो मौजूदा विमानन सुरक्षा प्रणाली की समीक्षा करेगी और सुधार के लिए सुझाव देगी। यह समिति तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।

उन्होंने संसद को यह आश्वासन भी दिया कि सरकार पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जांच को तथ्यों के आधार पर उसके तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा। “हमारे पास पहले से एक मजबूत सुरक्षा व्यवस्था है, लेकिन हम इसे और व्यापक बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।

गौरतलब है कि इस विमान दुर्घटना में 241 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि जमीन पर भी कुछ लोगों की जान गई थी। इस हादसे को लेकर कम से कम 22 सांसदों ने मंत्री से जांच, ब्लैक बॉक्स विश्लेषण, संभावित सुरक्षा चूक और सबूतों में छेड़छाड़ की संभावना को लेकर सवाल पूछे थे।