शहर में हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ती जा रही है और हालात अब दिल्ली जैसे बनते नजर आ रहे हैं। बीते महज 12 घंटे में वायु प्रदूषण का स्तर दोगुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच चुका है, जो हवा के अतिगंभीर श्रेणी में आने का संकेत है। यह स्थिति खासतौर पर दमा और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों, छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक मानी जा रही है। हालात को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से बचाव को लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है।
12 घंटे में अचानक बिगड़ी हवा की सेहत
हवा की गुणवत्ता में आई इस तेज गिरावट ने सभी को चौंका दिया है। कलेक्ट्रेट क्षेत्र में AQI गिरकर 319 तक पहुंच गया, जबकि रविवार को यही आंकड़ा 140 था। यानी सिर्फ 12 घंटे में प्रदूषण का स्तर दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया। इसी तरह पर्यावरण परिसर में AQI 294 दर्ज किया गया, जो पहले की तुलना में लगभग दोगुना है। टीटीनगर इलाके में भी हालात बेहतर नहीं रहे, जहां AQI 271 मापा गया। आंकड़े साफ इशारा कर रहे हैं कि शहर की हवा तेजी से जहरीली होती जा रही है।
मास्क पहनने की सलाह, सांस लेना भी हुआ मुश्किल
प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह की हवा में लंबे समय तक सांस लेना स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। खासतौर पर खुले में घूमने, सुबह-शाम टहलने और भारी शारीरिक गतिविधियों से बचने की जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों को घर के अंदर ही रहने की सलाह दी जा रही है।
हवा थमी, सर्दी बढ़ी और बढ़ गया प्रदूषण
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सोमवार को हवा की रफ्तार लगभग थमी रही और ठंड में भी इजाफा हुआ। इसी वजह से प्रदूषक तत्व ऊपर फैलने की बजाय नीचे ही जमा हो गए। ठंडी हवा के कारण धुआं और धूल निचले स्तर पर आ गए, जो सीधे सांस लेने के दायरे में होते हैं। इसका सीधा असर AQI पर पड़ा और हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ गई।
धूल और धुएं से बिगड़ी हवा की हालत
रिपोर्ट के मुताबिक शहर में हवा खराब होने का सबसे बड़ा कारण धूल और धुआं रहा। भोपाल के दो इलाकों में पीएम 2.5 के कारण हवा की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गई, जबकि एक क्षेत्र में पीएम 10 इसके लिए जिम्मेदार रहा। ये बेहद सूक्ष्म कण होते हैं, जो सांस के साथ सीधे फेफड़ों में पहुंच जाते हैं और स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मौसम की स्थिति ऐसी ही बनी रही, तो आने वाले दिनों में हालात और भी खराब हो सकते हैं।