अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में अब वरिष्ठ और जूनियर का कोई महत्व नहीं रह गया है, तो फिर वरिष्ठता की सूची बनाने का क्या मतलब है? भाजपा सरकार अधिकारियों का हौसला तोड़कर कुछ नहीं पा सकती है।
अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर उठाए सवाल
यूपी के सीनियर आईपीएस अधिकारी आशीष गुप्ता ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया था, जो स्वीकार कर लिया गया है। उनका विदाई समारोह 10 जून को होगा। इस पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश का कहना है कि सरकार में कई सीनियर आईपीएस अधिकारियों को अहम पद नहीं मिल रहे हैं, जबकि उनके जूनियर अफसरों को प्रमोशन दिया जा रहा है। इससे सीनियर अधिकारियों का मनोबल गिरता है और वे मजबूरी में वीआरएस लेते हैं। हाल ही में राजीव कृष्ण को डीजीपी बनाए जाने पर भी अखिलेश ने आपत्ति जताई थी। राजीव कृष्ण को 11 सीनियर अफसरों को छोड़कर कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है।
सपा अध्यक्ष आगे लिखते हैं कि
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगे लिखा है – “भाजपा सरकार में सीनियर और जूनियर का कोई मतलब ही नहीं रह गया है, तो फिर सीनियरिटी की लिस्ट बनाने का क्या फायदा। अगर सीनियरिटी में 1-2 नंबर का फर्क हो, तो उसे काम की जरूरत या किसी और वजह से सही ठहराया जा सकता है, लेकिन 10-12 नंबर पीछे के अफसर को ऊपर करना सही नहीं है। किसी अधिकारी को किसी पद पर चुनते समय सिर्फ पसंद, विचारधारा या राजनीतिक झगड़े का असर नहीं होना चाहिए। उस पद के लिए अफसर की सीनियरिटी, योग्यता और अनुभव – इन सबका संतुलित आधार होना चाहिए।