Indore News : दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच का सामना कर रही अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मध्य प्रदेश के महू कैंटोनमेंट बोर्ड ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के घर को अवैध बताते हुए गिराने का नोटिस जारी किया है। नोटिस में निर्माण को तीन दिनों के भीतर खुद हटाने का निर्देश दिया गया है।
बोर्ड ने चेतावनी दी है कि नोटिस का पालन नहीं किया गया, तो वह खुद इस ढांचे को ध्वस्त कर देगा और इसकी लागत भी संबंधित पक्ष से ही वसूली जाएगी। यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब चेयरमैन का परिवार और यूनिवर्सिटी पहले से ही जांचों के दायरे में हैं।
28 साल पुराना है अवैध निर्माण का मामला
कैंटोनमेंट इंजीनियर एचएस कलोया के अनुसार, यह नोटिस जवाद अहमद सिद्दीकी के मरहूम पिता मौलाना हम्माद के नाम पर जारी किया गया। उन्होंने बताया कि विभाग ने 1996 और 1997 में भी कैंटोनमेंट्स एक्ट 1924 के तहत बिना इजाजत किए गए इस निर्माण को हटाने के लिए नोटिस जारी किए थे, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
अधिकारी ने कहा, “बार-बार नोटिस देने के बावजूद कंस्ट्रक्शन को नहीं हटाया गया। नए नोटिस में प्रॉपर्टी पर अभी रहने वाले या कानूनी वारिसों को तीन दिन के अंदर बिना इजाज़त के स्ट्रक्चर को हटाने का निर्देश दिया गया है।”
यह प्रॉपर्टी महू के मुकेरी मोहल्ला इलाके में मकान नंबर 1371 के तौर पर दर्ज है, जो सर्वे नंबर 245/1245 पर स्थित है।
दिल्ली ब्लास्ट और धोखाधड़ी से जुड़े तार
यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण तक सीमित नहीं है। हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी 10 नवंबर को हुए दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच का केंद्र बनी हुई है। इस ब्लास्ट में 15 લોકો की मौत हो गई थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य आरोपी डॉ. उमर उन नबी इसी यूनिवर्सिटी के जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था। जांच एजेंसियों को शक है कि ब्लास्ट से जुड़े कई और संदिग्धों के तार भी यूनिवर्सिटी से जुड़े हो सकते हैं। इसी सिलसिले में संस्था के रिकॉर्ड, वित्तीय लेनदेन और प्रशासनिक मंजूरियों की गहन जांच चल रही है।
इसके अलावा, हाल ही में मध्य प्रदेश पुलिस ने जवाद सिद्दीकी के भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। हमूद पर 25 साल पहले महू में एक बड़े वित्तीय धोखाधड़ी करने का आरोप है।