मध्य प्रदेश में OBC को 27% आरक्षण देने पर सभी दल सहमत, न्यायालय का फैसला अभी बाकी

लंबे समय से मध्यप्रदेश की जनता ओबीसी आरक्षण की मांग कर रही है। आज राजधानी भोपाल में गुरुवार को सर्वदलीय  बैठक में सभी दलों ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की सहमति जताई है। इसके साथ ही एक संकल्प भी पारित किया गया है।

आपको बता दें कि ओबीसी को 14% से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का मामला सर्वोच्च न्यायलय में लंबित है। जिसके बाद सीएम मोहन यादव ने बुधवार को ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए सर्व दलीय बैठक बुलाने का आव्हान किया।

इस सर्वदलीय बैठक में भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में सीएम मोहन यादव ने सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण को  लेकर जो प्रकरण चल रहा है उस पर चर्चा की। जिसमें सभी दलों के विधायक विधानसभा में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात उठाते रहे। इस मामले में अलग-अलग वकील केस लड़ रहे है, जिस पर न्यायालय ने एक निर्णय लिया है।

इसके मुताबिक 23 सितंबर 2025 से डे-टु-डे सुनवाई की जाएगी। क्योंकि ओबीसी आरक्षण को लेकर न्यायालय में कई याचिकाें है। इस मामले में सभी अधिवक्ता का एक मत हो, इसके लिये सीएम मोहन यादव ने कहा कि सभी अधिवक्ता यह बैठकर तय कर लें।

हालाकि फिलहाल सभी दलो के विधायक विधानसभा में ओबीसी आरक्षण का समर्थन कर रहे है। ओबीसी आरक्षण देने के लिए सभी एकजुट होकर एक मंच पर आ गए है। वहीं वकील भी 10 सितंबर के पहले बैठकर बात करेंगे।

वहीं सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अगर इस पर न्यायालय जल्दी से न्याय करेगी तो जो विद्यार्थी 13% में  आते है और जो आयु सीमा पार कर चुके है, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। आपको बतादे कि कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27%  किये जाने का प्रस्ताव पारित किया था। उसके बाद से न्यायालय में ये मामला लंबित है।