Indore News : इंदौर के आरपीएल माहेश्वरी कॉलेज में प्रबंधन और कॉलेज स्टाफ के बीच चल रहा विवाद अब थमता हुआ नजर आ रहा है। हाल ही में माहेश्वरी कॉलेज स्टॉफ ने माहेश्वरी ट्रस्ट और माहेश्वरी कॉलेज अध्यक्ष द्वारा लगाए गए “प्रबंधन को बंधक बनाए जाने” के आरोपों का पूर्ण खंडन करते हुए थाना प्रभारी को आवेदन सौंपा है।
स्टॉफ का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन ने मीटिंग में स्वयं मिलने बुलाया था। ये मामला सितंबर महीने के वेतन और नियमित वेतन वृद्धि से जुड़ा है। इस मामले कॉलेज स्टाफ का कहना है कि “बन्धक स्टॉफ था न कि प्रबंधन” और झूठा आरोप लगाकर स्टॉफ और महाविद्यालय की छवि धूमिल कर कॉलेज बंद कराने और समाज में झूठा भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि स्टाफ विद्यार्थियों के हितों की रक्षा और शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने हेतु निरंतर कार्यरत है।
सूत्रो के अनुसार बताया जा रहा है कि आर.पी.एल. माहेश्वरी कॉलेज में आज विद्यार्थियों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी, अव्यवस्थित प्रबंधन के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन केवल झूठे आश्वासन देकर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। साथ ही प्रबंधन सचिव डॉ.वीणा सोनी द्वारा छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने व अभद्र भाषा का प्रयोग करने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
पिछले दिनों पूर्व ही कॉलेज के स्टूडेंट्स स्टाफ के साथ थाने का घेराव करने पहुंचे थे। छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज प्रबंधन में कुछ ऐसे लोग शामिल हैं, जिनके हित अन्य शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े हैं। इससे माहेश्वरी कॉलेज की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है।वहीं समाज के सदस्यों का आरोप है कि माहेश्वरी कॉलेज को बंद करने के लिए जानबूझकर षड्यंत्र रचे जा रहे हैं, जिससे संबंधित अन्य संस्थानों और पदाधिकारियों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा सके।
माहेश्वरी समाज के कॉलेज में समाज के जिलास्तरीय पदाधिकारियों को सम्मिलित किया जाए ताकि महाविद्यालय के संचालन में उनकी प्रत्यक्ष भूमिका हो परन्तु उन्हें निर्णय प्रक्रिया से दूर रखा गया है। साथ ही माहेश्वरी समाज के वर्तमान अध्यक्ष, जो कि पूर्व में कॉलेज शिक्षण समिति के सचिव रह चुके हैं, उन्होंने भी इस्तीफा ले लिया गया है। जिससे महाविद्यालय संचालन की पारदर्शिता और लिए जा रहे निर्णयों पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।