अमरनाथ यात्रा आज शनिवार 29 जून से शुरू हो रही है। इसके लिए कल शुक्रवार 28 जून को पहला जत्था रवाना हो गया था। भक्तगण हर-हर महादेव के जयघोष के साथ यात्रा पर निकल गए हैं। अमरनाथ यात्रा को स्वर्ग का द्वार कहते है। सभी की इच्छा होती है कि एक बार अमरनाथ यात्रा पर जाएं। लेकिन कई बार लोगों को सही जानकारी नहीं होने से यात्रा नहीं कर पाते हैं।
बता दें कि अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो कर 19 अगस्त तक चलेगी। बालटाल और पहलगाम कैंप से कल शुक्रवार सुबह 4 हजार 603 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गुफा के लिए रवाना हुआ। यात्रा अनंतनाग में पारंपरिक 48 किमी लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटे, लेकिन कठिन बालटाल मार्ग से गुजरेगी। श्रद्धालु कश्मीर के अनंतनाग जिले में 3 हजार 880 मीटर ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के रियासी में 9 जून को भक्तों की बस पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 10 भक्तों की मौत हो गई थी। इस हादसे को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 3.50 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया है। 52 दिन की यात्रा 19 अगस्त को खत्म होगी। 26 जून से ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके है। बीते साल 4.5 लाख से ज़्यादा तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में दर्शन किए थे।
बालटाल-पहलगाम बेस कैंप में 9 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था
गांदरबल के बालटाल और पहलगाम के नुनवान बेस कैंप में दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुों के लिए काफी अच्छी सुविधाएं उपलब्ध है। यहां रोज 9 हजार लोग रुक सकते हैं। दोनों यात्रा मार्गों पर 260 टॉयलेट, 120 वॉशरूम, हर 100 मीटर पर मोबाइल यूरिन पॉइंट हैं, ताकि आसानी रहे।
बालटाल से 2 किलोमीटर पर दोमेल कैंप है। 5 किलोमीटर आगे बरारी मार्ग है। यहां से 4 किलोमीटर पर संगम है। यहां पहुंचते ही 80% यात्रा पूरी हो जाती है। यहां से 3 किलोमीटर पर गुफा है। बालटाल से 4 किलोमीटर तक 20 फीट चौड़ी रोड है, बाद में 12 फीट रह जाती है। दोनों मार्गों पर DRDO के 100-100 बेड के अस्पताल हैं।