ठगी कॉल सेंटर के सदस्यों से American agency ने की पूछताछ

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

चार दिन पहले ठगी का इंटरनेशनल कॉल सेंटर पकड़ा गया था। कॉल सेंटर के सदस्यों से पूछताछ करने के लिए दिल्ली में अमेरिकन दूतावास से होम लैंड सिक्युरिटी एजेंसी  ( American agency ) से दो ऑफिसर ग्वालियर आए। ऑफिसर अल्का सक्सेना, डेनियन ने फ्रॉड करने वालों से करीब डेढ़ घंटे पूछताछ की है। उनका पूरा डाटा चेक किया है। यह टीम फिर से आरोपियों से पूछताछ करेगी। कॉल सेंटर से खुलासा हुआ था कि इनके टारगेट पर अमेरिका के लोग हुआ करते थे। अभी तक कितने लोगों को ठगा है यह भी खुलासा होना शेष है। इस पूरे गिरोह को मोंटी सिकरवार दुबई से बैठकर चला रहा था। वही इस ठगी के इंटरनेशनल कॉल सेंटर का मास्टर माइंड है।

American agency गुरुवार को ग्वालियर पहुंची

ग्वालियर क्राइम ब्रांच, झांसी रोड थाना पुलिस ने चार दिन पहले शहर की पॉश कॉलोनी माधवनगर में होटल आशीर्वाद की दूसरी मंजिल के रूम नंबर 204 से एक कॉल सेंटर पकड़ा था। एक युवती सहित सात सदस्य यहां से पकड़े गए थे। यहां गिरोह से खुलासा हुआ था कि इस इंटरनेशनल कॉल सेंटर से वह यूके और अमेरिका के विदेशी नागरिकों को शिकार बनाकर ठगी करते थे। इसके लिए कॉल सेंटर के सदस्य फर्राटेदार इंग्लिश भी बोलते थे। सभी सदस्यों के विदेशी नाम भी रखे गए थे। जब यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह अमेरिका के नागरिकों का ठगते थे तो अमेरिका की जांच एजेंसी ( American agency ) गुरुवार को ग्वालियर पहुंची है। भारत के दिल्ली में अमेरिकन दूतावास से अल्का सक्सेना, होम लैंड सिक्युरिटी एजेंसी के अफसर डेनियल गुरुवार दोपहर ग्वालियर पहुंचे हैं। वह सीधे एसपी ऑफिस पहुंचे और एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह से मुलाकात कर इस केस के संबंध में आरोपियों से पूछताछ करने की इजाजत मांगी और डाटा भी मांगा।

क्राइम ब्रांच के अफसरों के साथ डेढ़ घंटे चली पूछताछ

अमेरिकन दूतावास से आई टीम ने क्राइम ब्रांच के अफसरों से पहले समझा कि पूरा मामला क्या है। इसके बाद टीम ने इस पूरे रैकेट का डेटा चेक किया। आखिर में करीब डेढ़ घंटे तक आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की है। यहां उनको कुछ खास सुराग भी मिले हैं। पूछताछ में अमेरिकन एजेंसी को पता लगा कि ठग खुद को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के कर्मचारी बनकर विदेशियों कॉल कर बताते थे कि उनके कम्प्यूटर, लैपटॉप से जुड़े सॉफ्टवेयर में वायरस आ गया है। इसके बाद उनकी गोपनीय डिटेल पूछताछ कर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। जांच एजेंसी के सामने आरोपियों ने बताया कि उन्हें अमरीका के लोगों के नंबर दुबई में बैठा मास्टर माइंड मोटी सिकरवार वॉटसएप ग्रुप पर मुहैया कराता था। ठगों को हर महीने 20 से 25 हजार रुपए सैलरी मिली थी। साथ ही एक ठगी पर ठगे गए राशि का 5 प्रतिशत कमीशन मिलता था। जिसका हवाला के द्वारा भुगतान किया जाता था। ज्यादा पैसा कमाने के लिए गैंग दनादन फोन ठोंकती थी। एक बार जो फंसता था उससे कम से कम 1500 डॉलर तो ऐंठते थे। यह रकम सीधे दुबई में मोटी सिकरवार के वॉलेट में पहुंचती थी। उसे भुगतान गिफ्ट कार्ड के जरिए होता था। गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि मास्टर माइंड मोंटी के साथ ही गैंग का नंबर दो मास्टर माइंड करण है। इनके पास से पांच हजार अमेरिकन के मोबाइल नंबर का डेटा मिला है।

ऐसे समझिए पूरा मामला

ग्वालियर के माधवनगर स्थित आशीर्वाद होटल के दूसरी मंजिल पर रूम नंबर 204 में ठगी का कॉल सेंटर का सेटअप लगे होने की सूचना चार दिन पहले मिली थी। जिस पर एसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह के निर्देश पर एएसपी, सीएसपी व झांसी रोड थाना पुलिस की टीम कमरा नंबर 204 से एक युवती सहित 07 लोगों को ठगी क इंटरनेशनल कॉल सेंटर संचालित करते हुए पकड़ा था। यहां यह लोग श्वङ्घश्व क्चश्व्ररू ङ्कह्रढ्ढक्क ष्ट्ररुरुढ्ढहृत्र एप के माध्यम से अंग्रेजी में बात करते हुए विदेशी नागरिकों को ठगने का प्रयास कर रहे थे। इनके टारगेट पर अमेरिका व यूके के लोग हुआ करते थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अभय राजावत, नीतेश कुमार, दीपक थापा, परवेज आलम, श्वेता भारती, राज कैलाशकर, सुरेश वासेल के रूप में हुई थी। मास्टर माइंड मोंटी सिकरवार दुबई से गैंग ऑपरेट कर रहा था। सात दिन पहले ही गैंग ने इस होटल में कॉल सेंटर शुरू किया था। पकड़े गये ठग विदेशी लोगों से बात करते समय अपना मूल नाम न बताते हुये विदेश में प्रचलित नामों का उपयोग करते थे। हर ठग का अपना एक विदेशी नाम था जैसे अभय राजावत का नाम रूक्र. क्क्ररु, नीतेश का रू्रक्रञ्जढ्ढहृ, सुरेश का छ्वह्र॥हृ, दीपक का क्रङ्घ्रहृ, राज को ष्टङ्घक्चश्वक्र श्वङ्गक्कश्वक्रञ्ज, परवेज आलम का ष्ठश्वङ्कढ्ढरु, श्वेता का हृ्रहृष्टङ्घ नाम रखा गया था। यह अंग्रेजी बोलने में माहिर हैं। इनको एक्सेंट की अच्छी नॉलेज है। आमतौर पर इन्हीं नामों का उपयोग कर यह माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर विदेशी नागरिकों को ठगते थे।

पुलिस का कहना

इस मामले में एएसपी क्राइम षियाज केएम का कहना है कि कॉल सेंटर के जरिए विदेशियों से ठगी के मामले में अमेरिका की होल लैंड सिक्युरिटी एजेंसी के अफसर व दिल्ली दूतावास से अधिकारी ग्वालियर आए हैं। पकड़े गए गिरोह के संबंध में जानकारी लेकर पूछताछ की है।