राजधानी दिल्ली इस समय गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। जहरीली हवा का सीधा असर आम जनजीवन के साथ-साथ बच्चों की सेहत और पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। हालात को देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए नर्सरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में फिजिकल कक्षाएं बंद करने का आदेश जारी किया है। अगले आदेश तक इन कक्षाओं के छात्र स्कूल नहीं जाएंगे। यह निर्देश दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किया गया है, जो सरकारी, सहायता प्राप्त और सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा।
ऑनलाइन पढ़ाई के जरिए जारी रहेगी पढ़ाई
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए नर्सरी से कक्षा पांच तक की पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से जारी रहेगी। सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करें। वहीं, छठी कक्षा से ऊपर के छात्रों के लिए पहले से जारी 13 दिसंबर के आदेश के अनुसार व्यवस्था लागू रहेगी। फिलहाल दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स करीब 450 के आसपास बना हुआ है, जो बेहद गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
वाहन प्रदूषण पर लगाम लगाने की तैयारी
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से CAQM द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी की पहली बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदूषण के प्रमुख कारणों पर विस्तार से चर्चा हुई। अलग-अलग श्रेणियों के वाहनों से होने वाले प्रदूषण, उससे जुड़े जोखिम, इलेक्ट्रिक वाहनों की मौजूदा तैयारी और भविष्य में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों का आकलन किया गया।
दिल्ली-NCR में लागू हुआ GRAP का सबसे सख्त चरण
दिल्ली-NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। हाल ही में GRAP का स्टेज-4 लागू किया गया है, जिसे सबसे सख्त चरण माना जाता है। इसके तहत निर्माण कार्यों और औद्योगिक गतिविधियों पर कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं। साथ ही स्कूलों और दफ्तरों को हाइब्रिड मोड में काम करने की सलाह दी गई है और लोगों से अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की अपील की गई है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ी
कड़े प्रतिबंधों के बावजूद दिल्ली की हवा में सुधार नजर नहीं आ रहा है। प्रदूषण के चलते आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और दिल व फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि यह अब केवल देश की समस्या नहीं रही। सिंगापुर, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों ने भी अपने नागरिकों को दिल्ली में रहने और सांस लेने को लेकर सावधानी बरतने की चेतावनी जारी की है, जिससे राजधानी की बिगड़ती हवा की गंभीरता साफ झलकती है।