केंद्रीय कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमेटी ने सेवानिवृत्त आईएएस अमित खरे को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के सचिव के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। खरे 1985 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने रविवार को आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि खरे की नियुक्ति तीन साल के अनुबंध पर पदभार ग्रहण करने की तिथि से लागू होगी।
ईमानदार और निडर अधिकारी के रूप में पहचान
अमित खरे की छवि एक ईमानदार और निडर अधिकारी के रूप में रही है। उन्हें विशेष रूप से बिहार के कुख्यात ‘चारा घोटाले’ का पर्दाफाश करने में उनकी अहम भूमिका के लिए जाना जाता है। इससे पहले वे 12 अक्टूबर 2021 से प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में कार्यरत थे और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े मामलों को संभाल रहे थे।
केंद्र और राज्य में व्यापक अनुभव
खरे ने केंद्र और राज्य सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे 31 मई 2018 को सूचना एवं प्रसारण सचिव नियुक्त हुए, इसके बाद स्कूली शिक्षा और साक्षरता सचिव और उच्च शिक्षा सचिव के रूप में भी कार्य किया। इसके अलावा, वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने और लागू करने वाली मुख्य टीम के सदस्य भी रहे।
झारखंड में उल्लेखनीय योगदान
झारखंड में खरे ने मानव संसाधन विकास सचिव और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कई सुधारात्मक पहल की। उन्होंने विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव (वित्त-सह-योजना) के रूप में बजट और वित्तीय नीतियों में व्यापक सुधार लागू किए, जैसे बजट-पूर्व परामर्श, निष्पादन बजट, लैंगिक बजट, क्षेत्रीय बजट, वित्तीय समावेशन और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)। उनके नेतृत्व में कई केंद्रीय और राज्य स्तर की योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन हुआ।
शिक्षा और पेशेवर पृष्ठभूमि
अमित खरे ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और आईआईएम अहमदाबाद से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्टग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की। उनके पास प्रशासन, वित्त और शिक्षा के क्षेत्रों में व्यापक अनुभव है।
चारा घोटाले का किया था पर्दाफाश
खरे की साख को सबसे अधिक पहचान बिहार के चारा घोटाले में उनकी भूमिका से मिली। इस घोटाले को उजागर करने में उनके कड़े और निष्पक्ष कदमों ने उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ निडर अधिकारी के रूप में स्थापित किया।