मध्य प्रदेश की सुरम्य पचमढ़ी में भाजपा का तीन दिवसीय संगठनात्मक शिविर 16 मई को समाप्त हो गया। इन दिन दिनों में यहां पूरे प्रदेश के विधायकों का जमावड़ा रहा। जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी विधायक और सांसदों को पाठशाला ले डाली। सुत्रों का कहना है कि प्रशिक्षण वर्ग में अमित शाह ने पूरे प्रदेश के विधायक- सासंदों को टाइट कर दिया है। इन्होने स्पष्ट कह दिय है कि भाजपा में सिर्फ नेतागिरी नहीं चलेगी सबकों काम करना होगा। इसके साथ ही अनुशासन के साथ ही सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने का भी अल्टीमेटम दे दिया है। इसके साथ ही अमित शाह ने सभी विधायक-सांसदों के सोशल मीडिया अंकाउंट की रिपोर्टस की चेकिंग भी की। यह एक बड़ा ही चौंका देने वाली बात है कि अब भाजपा सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता से जुड़ेगी।
14 से 16 जून तक चल रहे इस शिविर में भाजपा ने आगामी विधानसभा उप-चुनाव और लोकसभा महासंग्राम के लिए अभी से कमर कस ली है। यहां पर बूथ प्रबंधन, संगठन विस्तार और सोशल मीडिया अनुशासन जैसे विषयों पर गहन प्रेजेंटेशन दिए गए। पार्टी नेतृत्व ने इसे ‘मास्टर-क्लास’ बताया है। यह एक ऐसा मंच बना जहां से नेताओं को सिर्फ भाषणबाजी नहीं करना है बल्कि ज़मीन पर उतरकर संगठन को मज़बूत करने का काम करने का पाठ पढ़ाया गया।
सोशल मीडिया पर होना चाहिए लाखों फॉलोअर्स
सुत्रों का कहना है कि प्रदेश के हर भाजपा नेता सहित विधायक और सांसदों के सोशल मीडिया अंकाउंट होना चाहिए। हर सोशल साइट्स पर भाजपा नेता जुड़ा होना चाहिए। सोशल मीडिया हर भाजपा नेता के लिए आम जनता से जुड़ने का साधन है। इसके साथ ही यह ऐसे प्लेटफार्म है जहां पर जनता अपनी बात अपने विचार साझा करती है। यहीं वह साधन है जहां से भाजपा पार्टी की समीक्षा भी सामने आती है जनता की शिकायतें भी सोशल मीडिया पर सीधे मिलती है।
सोशल मीडिया तय करेगे अब टिकट
गोपनिय सुत्रों का कहना है कि पचमढ़ी के वर्ग में अमित शाह ने जो पाठशाला लगाई, उसमें इसका भी संकेत दे दिया है कि अब उन लोगों को ही टिकट दिए जाएंगे जो आम जनता से सीधे जुड़े है इसके साथ ही जिनके लाखों में फॉलोअर्स है। जो सोशल मीडिया पर देश में घटित होने वाली हर घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हो।
सोशल साइट्स पर करें पार्टी का प्रचार
बता दें कि भाजपा ने अब सोशल मिडिया को अपना प्रचार का हथियार बना लिया है। भाजपा का मानना है कि मोबाइल अब हर एक हाथ में होता है। हर विधायक-सांसद इसके माध्यम से अपने कार्यों को हर व्यक्ति तक पहुंचा सकता है। इसलिए अब हर विधायक- सांसद को सोशल मीडिया पर अपने फॉलोअर्स बढ़ाना है। इसके माध्यम से भाजपा की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाना है।
1 माह मे करे 100 प्रभावशाली लोगों से मुलाकात
अमित शाह ने मंच से दो टूक कहा हैकि हर विधायक-सांसद “व्यक्तिगत बयानबाज़ी से बचें, संगठन सर्वोपरि है। सांसदों और विधायकों को आदेश दिया गया है कि 30 दिनों के भीतर अपने क्षेत्र के 100 प्रभावशाली नागरिकों से संवाद करें । इन लोगों से बातचीत के बाद एक गहन रिपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपें। यह केवल जनसंपर्क नहीं, बल्कि संगठन के प्रति सभी की जवाबदेही है।
विजय शाह की दिखे चुपचाप
हाल ही में विवादित बयान को लेकर चर्चा में रहे वन मंत्री विजय शाह भी शिविर में मौजूद थे, लेकिन इस बार पूरी तरह शांत और संयमित। उनकी मीडिया से दूरी और सत्रों में चुप्पी यह संदेश देने के लिए काफी थी कि पार्टी अब ‘सख्त अनुशासन’ के रास्ते पर है। भाजपा यह स्पष्ट कर रही है कि अब छवि को नुकसान पहुँचाने वाले नेता बख्शे नहीं जाएंगे, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों। पचमढ़ी की पाठशाला में यह सख्त निर्देश दे दिए गए है कि या तो अनुशासित बनो, या संगठन से बाहर हो जाओ। यह शिविर केवल रणनीति नहीं, पार्टी की विचारों को रीसेट करने की शुरुआत है।