राष्ट्रीय सुरक्षा बैठक में अमित शाह ने आतंकी और नशे से निपटने के दिए आदेश

अमित शाह : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवादी समूहों द्वारा एन्क्रिप्टेड यानी छुपे हुए संदेश भेजने वाले प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस समस्या को रोकने के लिए एक खास टीम बनाई जाएगी, जो आतंकी संगठनों के सोशल मीडिया पर नजर रखेगी। इसके जरिए खुफिया जानकारी पर कड़ी नजर रखी जाएगी। अमित शाह ने भगोड़ों को भारत वापस लाने के लिए भी एक मजबूत व्यवस्था और बेहतर तालमेल बनाने की बात कही, ताकि वे कानून के सामने आएं और देश सुरक्षित रह सके।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा

गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 8वें राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में करीब 800 अधिकारी हिस्सा ले रहे थे, कुछ मंच पर और कुछ वीडियो कॉल से जुड़े थे। सम्मेलन में देश की सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पहले दिन बाहरी तत्वों की भूमिका और मादक पदार्थों के व्यापार में उनकी संलिप्तता पर मंथन हुआ। आतंकवादी समूहों द्वारा एन्क्रिप्टेड ऐप्स और नई तकनीकों के गलत इस्तेमाल की चुनौतियों पर बात हुई।

भीड़ नियंत्रण और निर्जन द्वीपों की सुरक्षा के मुद्दे भी उठाए गए। आतंकवाद के लिए पैसा जुटाने के तरीके पर भी विचार हुआ। अमित शाह ने भगोड़ों को वापस लाने, केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाने और आतंकवादियों के नेटवर्क को खत्म करने के निर्देश दिए। साथ ही, पुलिस को केवल घरेलू तकनीक का इस्तेमाल करने को कहा गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर दूसरे दिन रणनीति पर चर्चा

सम्मेलन के दूसरे दिन नागरिक उड्डयन, बंदरगाह सुरक्षा, आतंकवाद रोकने, वामपंथी उग्रवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और पुलिस संगठनों के प्रमुख शामिल होंगे। साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश दिया था। इसका मकसद जमीनी स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों और विशेषज्ञों की मदद से सुरक्षा चुनौतियों का समाधान ढूंढना है। 2021 से यह सम्मेलन हाइब्रिड यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूपों में हो रहा है।