केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ग्वालियर प्रवास के दौरान मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज रही। ग्वालियर पहुंचे शाह ने ताज उषा किरण होटल में मुख्यमंत्री मोहन यादव और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी मंत्रणा की। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का मुख्य एजेंडा सत्ता और संगठन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना था।
एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार, अमित शाह और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के बीच सुबह नाश्ते की टेबल पर एकांत में लंबी बातचीत हुई। यह चर्चा करीब आधे घंटे तक चली, जिसमें प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर गहन मंथन किया गया। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण विषयों पर सहमति बनने की खबर है।
होटल में दिग्गजों का जमावड़ा
ताज उषा किरण होटल के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अमित शाह और कैलाश विजयवर्गीय की इस वन-टू-वन चर्चा के बाद अन्य बड़े नेता भी वहां पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी बैठक में शामिल हुए। इन नेताओं की मौजूदगी ने इस अनौपचारिक बैठक को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।
सत्ता और संगठन पर फोकस
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गृह मंत्री का यह दौरा केवल औपचारिक नहीं था। बंद कमरे में हुई इन मुलाकातों में आगामी रणनीतियों और सरकार के कामकाज को लेकर फीडबैक लिया गया। विशेष रूप से संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूत करने के लिए वरिष्ठ नेताओं ने अपने सुझाव रखे।
गौरतलब है कि अमित शाह का मध्य प्रदेश दौरा अक्सर राज्य की राजनीति में नई दिशा तय करता है। इस बार भी ग्वालियर में हुई इन हाई-प्रोफाइल मुलाकातों को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर बैठक के विवरण साझा नहीं किए गए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का पूरा फोकस मिशन मोड में काम करने पर है।