स्वतंत्र समय, चित्रकूट/भोपाल
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) ने गुरुवार चित्रकूट में कहा कि राजनीति के क्षेत्र में जनता कई नेताओं को राजनीति छुड़वाती है। नानाजी ने केवल 60 वर्ष की आयु में जब जनता पार्टी अधिकार में थी तब निर्णय किया कि 60 के हो गए बाकी का जीवन एकात्म मानववाद को जमीन पर उतारने का काम करेंगे। इसके बाद एकात्म मानववाद और अंत्योदय का सिद्धांत दिया। इसके लिए चित्रकूट को चुना।
Amit Shah ने नानाजी को दी श्रद्धांजलि
इसके पहले नानाजी की 15वीं पुण्यतिथि पर अमित शाह ( Amit Shah ) ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण और रामदर्शन परिसर का लोकार्पण किया। इस मौके पर शाह ने कहा कि कुछ लोगों के जीवन ऐसे होते हैं, जो कुछ वर्षों नहीं, युगों तक अपना असर छोड़ते हैं और युग को परिवर्तनकारी बनाने का काम करते हैं। नानाजी उनमें से एक हैं। नानाजी ने जीवन का क्षण-क्षण और शरीर का कण-कण भारत माता को समर्पित किया। वे शतायु हुए राजनीति में अजातशत्रु जीवन जीकर दुनिया छोडक़र जाना बड़ी बात है। मैंने किसी को नानाजी के बारे में कभी किसी को गलत बात करते नहीं सुना। चाहे वो पक्ष का हो चाहे विपक्ष को हो। राजनीति में रहते हुए सर्व स्वीकृति लाना भी कठिन है। इतने लंबे जीवन में नानाजी का विरोध करने का साहस किसी ने नहीं किया।
सिद्धांतों का हिंदीकरण करके नीतियां बनाई…
केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा- पश्चिम से उठाए गए सिद्धांतों का हिंदीकरण करके नीतियां बनाने का संतोष जवाहर लाल नेहरू की कांग्रेस की सरकार ने किया। उस वक्त पंडित दीनदयाल ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत प्रस्तावित करके बताया हमारा हमारी विदेश नीति कैसी हो, विश्व को देखने का नजरिया कैसा हो वो किया। भारत के विकास के मॉडल को अंत्योदय के रूप में रखा। एक ही कालखंड में दो महापुरुष भारतीय राजनीति ने देश को दिए। दोनों का जन्म 1916 में हुआ। नानाजी देशमुख और पंडित दीनदयाल उपाध्याय। जब देश आजाद हुआ, नीतियां बन रही थीं, जो भारत का सम्मान करते हैं वो सभी लोग आजाद हुए देश की नीतियों को बड़े दुख और चिंता के साथ देख रहे थे क्योंकि, देश की विदेश नीति हो, अर्थ नीति हो, शिक्षा नीति, कृषि नीति हो एक में भी हमारे चिर पुरातन राष्ट्र की मिट्टी की खुशबू नहीं थी।
जीवन युगों तक असर छोड़ता है
अमित शाह ने कहा, नानाजी जैसे महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देना कितना उचित है, मालूम नहीं। कुछ लोगों के जीवन ऐसे होते हैं, वो युगों तक अपना असर छोड़ते हैं और युग को परिवर्तनकारी बनाने का काम करते हैं। नानाजी उनमें से एक हैं। केंद्रीय मंत्री शाह और मोरारी बापू ने नवीन रामदर्शन का लोकार्पण किया। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण भी किया। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। मोरारी बापू ने कहा कि नानाजी ने रामकथा के आधार पर रामदर्शन का दर्शन तो कराया ही। साथ ही ग्राम दर्शन भी कराया।