लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अंदाज कुछ अलग ही देखने को मिला, जब वे त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का भी जिक्र किया और कहा, “अब दिल्ली में भी इस योजना का लाभ गरीबों को मिल रहा है, अब सिर्फ बंगाल बचा हुआ है।” यह बयान उन्होंने विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए दिया, जिसमें भाजपा की नजरें जमाई हुई हैं।
बंगाल में है ममता बनर्जी की सरकार
अमित शाह ने कहा, “अब दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू हो गई है, जबकि पहले यह सिर्फ कुछ राज्यों में थी। लेकिन बंगाल में अभी यह योजना लागू नहीं हो पाई है। चुनाव के बाद वहां भी कमल खिलेगा और बंगाल के लोग भी इस योजना का लाभ लेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि 2014 में जब से भाजपा सरकार ने सत्ता संभाली, तब से गरीबों के लिए कई योजनाएं लागू की गईं—घर, शौचालय, पीने का पानी, मुफ्त अनाज, गैस कनेक्शन, और पांच लाख रुपये तक के इलाज की मुफ्त सुविधा जैसे कदम उठाए गए।
बंगाल में योजनाओं के माध्यम से तैयार हो रही भाजपा
अमित शाह ने त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पर चर्चा करते हुए कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है, और इस विधेयक से स्वरोजगार और लघु उद्यमिता का विकास होगा। इससे समाज में समावेश बढ़ेगा और नवाचार तथा अनुसंधान के नए मानक स्थापित होंगे। उनके इस बयान में, जहां एक ओर भाजपा की रणनीतियों का खुलासा हो रहा था, वहीं बंगाल के आगामी चुनावों के लिए पार्टी की उम्मीदों का भी स्पष्ट संकेत था।