अमिताभ बच्चन अपने दोस्त शशि कपूर के अंतिम दर्शन में क्यों नहीं गए? ब्लॉग में बताई थी असली वजह

Dosti : बॉलीवुड में दोस्ती की कई मिसालें दी जाती हैं, लेकिन अमिताभ बच्चन और शशि कपूर की दोस्ती की कहानी सबसे खास में से एक है। दोनों ने न सिर्फ पर्दे पर एक साथ कई यादगार फिल्में दीं, बल्कि असल जिंदगी में भी उनके बीच गहरा रिश्ता था।

हालाकि, जब शशि कपूर का निधन हुआ, तो अमिताभ बच्चन उनके अंतिम दर्शन के लिए नहीं पहुंचे, जिसने कई लोगों को हैरान कर दिया था।

इस सवाल का जवाब खुद अमिताभ बच्चन ने सालों पहले अपने एक ब्लॉग में दिया था। उन्होंने बताया था कि वह अपने दोस्त को उस कमजोर और बीमार हालत में नहीं देख सकते थे, इसलिए उन्होंने उनसे दूरी बना ली थी।

ब्लॉग में किया था खुलासा

अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा था कि उन्हें शशि कपूर के निधन की खबर मिली, लेकिन वह अस्पताल नहीं गए। उन्होंने इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई।

“जब मुझे पता चला कि शशि जी का देहांत हो गया है तो मैं हॉस्पिटल नहीं गया। उनके रहते मैं मुश्किल से एक बार ही उनसे मिलने हॉस्पिटल पहुंचा था, क्योंकि मैं उन्हें इस हालत में नहीं देख सकता था। मैं अपने प्यारे दोस्त को इस हालत में अस्पताल में नहीं देखना चाहता था, और जब आज मुझे बताया गया कि वह नहीं रहे, मैं तब भी अस्पताल नहीं गया।” — अमिताभ बच्चन

बिग बी ने बताया कि वह अपने दोस्त की जीवंत छवि को ही यादों में रखना चाहते थे, न कि अस्पताल में उनकी बेबस हालत को।

बबुआ’ कहकर बुलाते थे शशि कपूर

दोनों कलाकारों के बीच का रिश्ता बेहद खास था। शशि कपूर, अमिताभ बच्चन को प्यार से ‘बबुआ’ कहकर बुलाते थे। इस बात का जिक्र खुद बिग बी ने किया था। पर्दे पर उनकी जोड़ी सुपरहिट मानी जाती थी। फिल्म ‘दीवार’ में दोनों भाइयों के किरदार में थे और उनका संवाद ‘मेरे पास मां है’ आज भी हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित संवादों में गिना जाता है।

अमिताभ और शशि कपूर ने ‘दीवार’ के अलावा ‘त्रिशूल’, ‘कभी कभी’, ‘काला पत्थर’ और ‘सुहाग’ जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में साथ काम किया। उनकी ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आती थी और उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी मानी जाती थीं।