इंदौर में मृत्यु के बाद भी जीवन को दिशा देने वाला कदम उठाया गया। जब एक इंसान ने अपना तन समाज को अर्पित कर दिया, तो वह एक साधारण व्यक्ति से असाधारण व्यक्ति बन गए। ऐसा ही एक अद्वितीय उदाहरण पेश किया है इंदौर के द्वारकापुरी सुदामा नगर निवासी स्व. जवाहरलाल बोहरा ने, जिन्होंने देहदान का संकल्प लेकर मानव सेवा की एक नई मिसाल कायम की।
पुत्र ने कराया सपना पूरा
76 वर्षीय बोहरा जी की यह अंतिम इच्छा थी कि उनके जाने के बाद उनकी देह शिक्षा और शोध कार्यों के लिए दान की जाए। उनकी इस महान भावना को उनके पुत्र कपिल जैन और पत्नी मधु जैन ने साकार किया। 11 मई को उनके निधन के बाद, परिवार ने तत्काल इंडेक्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से संपर्क किया।
देहदान अधिकारी राज गोयल के मार्गदर्शन में, एडिशनल डायरेक्टर डॉ. आर.सी. यादव और एनाटॉमी विभाग के प्रमुख डॉ. विमल मोदी ने पूरी विधिपूर्वक देहदान की प्रक्रिया को पूर्ण किया। इसके पश्चात, मृत देह को मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया, जहां वह आने वाले डॉक्टरों की शिक्षा और शोध में अमूल्य योगदान देगी।
निःस्वार्थ सेवा को सराहा
इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया और डीन डॉ. जी.एस. पटेल ने दिवंगत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, बोहरा परिवार की इस निःस्वार्थ सेवा को सराहा। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम समाज को नई सोच और दिशा देते हैं। यह न सिर्फ एक शरीर का दान था, बल्कि मानवता के लिए जीवित रहने की एक कोशिश भी। स्व. जवाहरलाल बोहरा का यह अनूठा समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।