इंदौर शहर में व्यापारियों द्वारा यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने से इंकार करने का मामला सामने आया है। व्यापारियों का कहना है कि साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं के चलते यूपीआई के माध्यम से पेमेंट लेना उनके लिए जोखिम भरा हो गया है। इस निर्णय के तहत, कई व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों पर पोस्टर लगाकर ग्राहकों को सूचित किया है कि वे यूपीआई पेमेंट नहीं लेंगे। व्यापारियों का तर्क है कि डिजिटल लेनदेन में गड़बड़ियों और धोखाधड़ी के मामलों में उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, और इसे संभालने के लिए अभी तक कोई प्रभावी समाधान नहीं मिला है। इस घटनाक्रम से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के प्रयासों पर असर पड़ सकता है। स्थानीय प्रशासन और बैंकिंग संस्थानों से व्यापारियों की इस समस्या का समाधान निकालने की अपेक्षा की जा रही है, ताकि डिजिटल लेनदेन पर भरोसा बनाए रखा जा सके।
इंदौर के व्यापारियों ने साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के कारण यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि जब अपराधी किसी धोखाधड़ी के माध्यम से किसी खाते से धन ट्रांसफर करता है और व्यापारी से सामान खरीदता है, तो जांच के दौरान व्यापारी का खाता भी जांच के दायरे में आ जाता है। इस प्रक्रिया में व्यापारी का खाता सील कर दिया जाता है, जिससे उनका पैसा फंस जाता है। न तो वे इस पैसे का उपयोग कर सकते हैं और न ही इसे निकाल सकते हैं। व्यापारियों का कहना है कि यह स्थिति उनके व्यवसाय के लिए नुकसानदायक है और उनके कामकाज को बाधित करती है। इसी कारण अब व्यापारी कैश और क्रेडिट कार्ड पेमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं। व्यापारियों ने प्रशासन और बैंकिंग सिस्टम से इस समस्या का समाधान निकालने की मांग की है, ताकि डिजिटल लेनदेन सुरक्षित और भरोसेमंद बनाया जा सके।
इंदौर के राजवाड़ा क्षेत्र के व्यापारियों की एसोसिएशन ने यूपीआई पेमेंट को अस्वीकार करने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन का कहना है कि साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं और उसके बाद की पुलिस कार्रवाई के कारण व्यापारी गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। व्यापारियों के अनुसार, यदि कोई ग्राहक यूपीआई के माध्यम से भुगतान करता है और बाद में वह धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है, तो पुलिस व्यापारी के खाते को सील कर देती है। इसके कारण व्यापारी का पैसा लंबे समय तक फंसा रहता है और कई महीनों तक वे उसे उपयोग नहीं कर पाते। इससे उनके व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और वे वित्तीय संकट में आ जाते हैं। एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि जब तक इस समस्या का प्रभावी समाधान नहीं निकलता, वे यूपीआई पेमेंट का विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने प्रशासन और बैंकिंग प्रणाली से इस मुद्दे को प्राथमिकता से हल करने की मांग की है ताकि व्यापारियों का डिजिटल लेनदेन पर भरोसा बहाल हो सके।
इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने व्यापारियों द्वारा यूपीआई पेमेंट को अस्वीकार करने के निर्णय पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड की शिकायतों पर पुलिस प्रशासन तत्काल कार्रवाई करता है और हर मामले को गंभीरता से लिया जाता है। व्यापारियों के आरोपों पर जवाब देते हुए कलेक्टर ने कहा कि अगर कुछ मामलों में समस्या हो रही है, तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरे यूपीआई सिस्टम को गलत ठहराया जाए। उन्होंने व्यापारियों की चिंताओं को समझने और उनके समाधान के लिए एक टीम भेजने की घोषणा की है, जो व्यापारियों से चर्चा करेगी और उनकी समस्याओं का उचित समाधान खोजने का प्रयास करेगी। कलेक्टर ने डिजिटल लेनदेन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था का विकास बेहद जरूरी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यूपीआई से संबंधित किसी भी समस्या का समाधान किया जाएगा, ताकि व्यापारियों और ग्राहकों दोनों का विश्वास बहाल हो सके।