सावन सोमवार के पावन अवसर पर ओंकारेश्वर में एक बार फिर श्रद्धा का उत्सव हादसे में तब्दील हो गया। गौमुख घाट पर नर्मदा स्नान के दौरान दो युवक गहरे पानी में चले गए, जिनमें से एक की मौत हो गई। यह घटना सुबह करीब 11 बजे की है, जब राजस्थान और मध्यप्रदेश से आए श्रद्धालु घाट पर स्नान कर रहे थे।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ निवासी विशाल और नीमच (मप्र) के रहने वाले पंकज (26), अपने परिवारों के साथ ओंकारेश्वर दर्शन के लिए आए थे। दोनों ही युवक गौमुख घाट पर स्नान कर रहे थे, जब अनजाने में वे गहरे पानी में उतर गए। वहां पहले से मौजूद एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत सर्चिंग शुरू की और विशाल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन पंकज को जब तक बाहर निकाला गया, तब तक उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
हादसे के बाद घाट का माहौल गमगीन हो गया। पंकज की मौत से उसके परिजन सदमे में आ गए और रो-रोकर बेसुध हो गए । घटना के समय घाट पर काफी भीड़ थी, जिससे राहत कार्य को भी बाधा पहुंची। श्रद्धा और आस्था से भरे इस दिन पर एक परिवार पर मातम छा गया।
लगातार हो रहे हैं हादसे, फिर भी कोई सबक नहीं
यह कोई पहली घटना नहीं है। महज़ चार दिन पहले, 16 जुलाई को इंदौर से ओंकारेश्वर आए दो सगे भाई नर्मदा-कावेरी संगम घाट पर डूब गए थे। प्रशासन की ओर से तीन दिन की मशक्कत के बाद उनके शव बरामद किए गए। इन लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं किया गया है।
घाटों पर सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि घाटों पर रेलिंग, जाल या गहराई को दर्शाने वाले संकेत तक नहीं लगे हैं। सिर्फ चेतावनी बोर्ड लगाकर प्रशासन अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रहा है। नर्मदा नदी में कई घाटों पर अचानक गहराई बढ़ जाती है, जिससे लोग संतुलन खो बैठते हैं और डूबने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में रेस्क्यू टीम के लिए भी समय रहते कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता है।