मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के प्रसिद्ध कुबरेश्वर धाम में बुधवार को एक बार फिर दर्दनाक हादसा हुआ। भारी भीड़ के चलते अफरा-तफरी मच गई और इसी भगदड़ जैसी स्थिति में दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई। साथ ही दो अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसे के समय श्रद्धालु प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए धाम पहुंचे थे।
रुद्राक्ष वितरण के दौरान मची भगदड़, घुटन और गर्मी बनी जानलेवा
6 अगस्त को आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एक दिन पहले से ही कुबरेश्वर धाम में उमड़ने लगी थी। मंगलवार को रुद्राक्ष वितरण के समय भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हो गए। भीड़, उमस भरा मौसम और सीमित प्रबंधन के चलते स्थिति अनियंत्रित हो गई। इस दौरान दो महिलाएं अचानक नीचे गिर गईं और भीड़ में कुचले जाने से उनकी मौत हो गई। भीड़ का दबाव इतना अधिक था कि सांस लेने में तकलीफ और घबराहट के कई मामले सामने आए।
तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती, दो की हालत नाजुक
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि गर्मी, उमस और भीड़ में धक्का-मुक्की के कारण कई श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई। दो महिलाओं को तत्काल सीहोर जिला अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा 8 से 10 अन्य श्रद्धालुओं को भी चक्कर और घबराहट की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है।
व्यवस्थाएं फेल, दावों की खुली पोल
प्रशासन और आयोजन समिति ने पहले दावा किया था कि करीब 4 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। नामक चौराहा, राधेश्याम कॉलोनी, बजरंग अखाड़ा और अटल पार्क जैसे क्षेत्रों में विशेष इंतजाम किए गए थे। लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या हजारों से पार पहुंचने पर सारी व्यवस्थाएं धराशायी हो गईं। अव्यवस्थित भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन और आयोजक दोनों ही असफल नजर आए।
भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल, श्रद्धालुओं में नाराजगी
हादसे के बाद श्रद्धालुओं में भारी नाराजगी देखी गई। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि हर साल होने वाले इस आयोजन को लेकर पहले से बेहतर योजना बनानी चाहिए थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल, स्वास्थ्य सेवाएं और पेयजल की व्यवस्था तक मौजूद नहीं थी। अब हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आया है और अतिरिक्त बल तैनात कर व्यवस्थाओं को सुधारा जा रहा है।
पंडित प्रदीप मिश्रा की कांवड़ यात्रा पर मंडराया संकट
6 अगस्त को निकलने वाली कांवड़ यात्रा में लाखों की भीड़ उमड़ने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन उससे पहले ही दो श्रद्धालुओं की मौत ने पूरे आयोजन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला प्रशासन इस यात्रा को लेकर अब नए सिरे से सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पर काम कर रहा है ताकि आगे कोई बड़ा हादसा न हो। वहीं, पंडित प्रदीप मिश्रा की टीम और स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है।