बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक अनुराग बसु हाल ही में अभिनेत्री Deepika Padukone द्वारा रखी गई 8 घंटे की वर्क लिमिट को लेकर चर्चा में हैं। दीपिका ने हाल ही में अपने एक प्रोजेक्ट के लिए काम के घंटों को लेकर स्पष्ट कर दिया था कि वह रोज़ाना अधिकतम आठ घंटे ही काम करेंगी। इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग बसु ने कहा, “मेरे एक्टर्स कभी लंबे घंटों की शिकायत नहीं करते। जब स्क्रिप्ट और सेट पर एनर्जी सही होती है, तो घंटों का अंदाज़ा भी नहीं रहता।”
काम के घंटे बनाम रचनात्मकता
बॉलीवुड में काम के घंटे अक्सर एक विवादास्पद विषय रहे हैं। कई कलाकारों और तकनीशियनों ने समय-समय पर सेट पर लंबे घंटों और थकावट की शिकायत की है। लेकिन दूसरी ओर, कुछ फिल्म निर्माता जैसे अनुराग बसु का मानना है कि रचनात्मक प्रक्रिया समय की पाबंदी से नहीं बंधी होती।
अनुराग ने कहा, “जब आप कोई कहानी बना रहे होते हैं या किसी भावनात्मक दृश्य की शूटिंग कर रहे होते हैं, तो समय का ट्रैक रखना मुश्किल होता है। हर एक्टर का अपना तरीका होता है, लेकिन मेरी फिल्मों में ऐसा कोई तनाव नहीं रहता।”
Deepika Padukone की शर्त पर चर्चा क्यों?
दीपिका पादुकोण के 8 घंटे काम करने की शर्त ने इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। कुछ लोग इसे प्रोफेशनलिज़्म की दिशा में एक कदम मानते हैं, तो कुछ का मानना है कि यह रचनात्मकता की गति में बाधा बन सकता है। दीपिका ने हाल ही में मां बनने की घोषणा की है और माना जा रहा है कि यह शर्त उन्होंने अपनी स्वास्थ्य और व्यक्तिगत जीवन को ध्यान में रखते हुए रखी है।
क्या इंडस्ट्री बदलेगी?
फिल्म इंडस्ट्री अब धीरे-धीरे पेशेवर मानकों की ओर बढ़ रही है। पश्चिमी देशों की तर्ज पर भारत में भी काम के निर्धारित घंटे, सेट पर ब्रेक्स और काम के बाद विश्राम को महत्व दिया जा रहा है। अनुराग बसु जैसे निर्देशकों का मानना है कि यह बदलाव सकारात्मक तभी होगा जब उसे रचनात्मकता के साथ संतुलित किया जाए।