स्वतंत्र समय, भोपाल
भारत सरकार में सचिव एवं मप्र कैडर में 89 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन प्रदेश के नए मुख्य सचिव ( Chief Secretary ) बनाए गए हैं। वैसे अनुराग जैन मप्र के ही मूल निवासी हैं और ग्वालियर में पैदा हुए हैं। इसके पहले भोपाल में जन्में आर परशुराम को सीएस बनाया गया था। वे 31 अगस्त 2025 तक मुख्य सचिव रहेंगे। उनकी सेवाएं भारत सरकार से वापस लेने के लिए सोमवार दोपहर दो बजे जीएडी कार्मिक ने विशेष वाहक को दिल्ली भेजा। डीओपीटी से उनकी सेवाएं वापस करने के आदेश देर रात जारी हो गए।
Chief Secretary वीरा राणा हुईं सेवानिवृत्त
1988 बैच की आईएएस एवं मुख्य सचिव ( Chief Secretary ) वीरा राणा 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो गईं। किन्हीं कारणों के चलते जीएडी कार्मिक मंत्रालय द्वारा दी जाने वाले फेयरवेल पार्टी लेने से राणा ने इंकार कर दिया। केवल एसीएस स्तर के अधिकारियों ने उनसे मिलकर विदाई दी। सूत्र बताते हैं कि राणा को राज्य निर्वाचन आयुक्त बनाए जाने की संभावना भी नगण्य हो गई हैं। इसी कारण उन्होंने फेयरवेल लेने से मना कर दिया। उधर, राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह को सोमवार दोपहर में ही आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने फेयरवेल दे दिया। जबकि आयुक्त के पद पर शाम तक किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी थीं। इसके चलते विदाई पार्टी की रिलीज तैयार होने के बाद भी रोक दी गई।
मंडला, मंदसौर और भोपाल में रहे कलेक्टर
अनुराग जैन मंडला, मंदसौर और भोपाल में कलेक्टर रह चुके हैं। 2005 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सचिव थे। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के सचिव, सीएम के प्रमुख सचिव सहित अनेक पदों पर पदस्थ रहे हैं। सीएस बनने की दौड़ में शामिल रहे डॉ. राजेश राजौरा, एसएन मिश्रा और मोहम्मद सुलेमान इस दौड़ से बाहर हो गए। वैसे सोमवार दोपहर तक सीएस के लिए राजेश राजौरा का नाम तेजी से चला। सुबह सीएम से मिलने सीएम हाउस गए तो अधिकारियों ने उन्हें सीएस बनने की शुभकामनाएं भी दे डाली।
पीएमओ से मैसेज के बाद जैन के नाम पर मुहर
सूत्रों की माने तो जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भोपाल से झारखंड के लिए रवाना हुए तब तक दिल्ली से किसी भी तरह कोई मैसेज नहीं पहुंचा था। लेकिन दोपहर करीब 12.30 बजे पीएमओ से अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाने के लिए मैसेज आया और इसके बाद बाजी पलट गई। अनुराग जैन के सीएस बनने पर केंद्र सरकार में लंबित मप्र की योजनाओं को लागू करवाने और फंड मिलने में आसानी हो सकेगी। जैन ने 1986 में आईआईटी खडग़पुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक ऑनर्स किया है। 1989 में वे आईएएस बने, इसके बाद उन्होंने अमेरिका के मैक्सवेल स्कूल से लोक प्रशासन में एमए किया था।
जैन को मिला सीनियरिटी का लाभ
केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव, फिर अतिरिक्त सचिव और पीएमओ में पदस्थ रहे अनुराग जैन को सीनियरिर्टी और अनुभव का लाभ मिला है। हालांकि मप्र का सीएस बनाने के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनसे दिल्ली में चर्चा की थी। जैन 30 मई 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। पूर्व मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के एक्सटेंशन के समय भी जैन के मुख्य सचिव बनने की चर्चा थी, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें नहीं छोड़ा। अनुराग जैन ने दिसंबर 2013 से फरवरी 2014 तक भारतीय निर्यात-आयात बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया है। अनुराग जैन की मप्र में पब्लिक सर्विसेज डिलीवरी एक्ट को लागू कराने में अहम भूमिका रही है। पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान में भी उनका अहम रोल रहा है।