APC एवं वर्ष 1989 के बैच के IAS अफसर मोहम्मद सुलेमान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। राज्य सरकार से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन करने के बाद केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय ने उनके VRS को मंजूरी भी दे दी है। वे 13 मार्च से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सुलेमान जुलाई 2025 में रिटायर होने वाले थे, इससे पहले ही उन्होंने वीआरएस मांग लिया।
(गौरतलब है कि स्वतंत्र समय ने 25 फरवरी को अपने प्रसिद्ध कालम देखी-सुनी में लिखा था कि मोहम्मद सुलेमान कभी भी सरकारी नौकरी से विदाई ले सकते हैं।)
मोहम्मद सुलेमान ने अपने करियर की शुरूआत ग्वालियर के असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में की थी। वे बाद में सिवनी, बालाघाट और इंदौर के कलेक्टर रहे। कोरोना महामारी के दौरान मोहम्मद सुलेमान को एसीएस हेल्थ की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। वह पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान के भरोसेमंद अफसरों में शामिल थे और तमाम विरोध के बाद भी मोहन सरकार बनने तक एसीएस हेल्थ के रूप में काम करते रहे। इसके पहले जब साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने तब भी मोहम्मद सुलेमान को उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिली थी। उनके अनुभव का लाभ उठाने इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स के लिए कमलनाथ जनवरी 2019 में उन्हें स्विट्जरलैंड के दौरे पर साथ ले गए थे।
टेरी से Phd कर सकते हैं सुलेमान
बताया जाता है कि VRS लेने के बाद सुलेमान द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) नाम के प्रतिष्ठान से पीएचडी करेंगे। साथ ही वे दिल्ली में रहकर पढ़ाने का काम भी कर सकते हैं। दूसरी ओर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सुलेमान किसी मल्टी नेशनल कम्पनी के साथ भी जुड़ सकते हैं।