एमपी में निगम-मंडलों की नियुक्तियां जल्द होगी तय, नवरात्रि बाद कभी भी आ सकती है सूची, पदों को लेकर नेताओं में उत्सुकता

मध्यप्रदेश की राजनीति इन दिनों तेज़ सरगर्मियों से भरी हुई है। भाजपा नेताओं की अलग-अलग जगहों पर हुई लगातार बैठकों ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया है। सबसे ज्यादा चर्चा निगम-मंडलों में होने वाली नियुक्तियों को लेकर है। लंबे समय से पद की प्रतीक्षा कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं को दीपावली से पहले खुशखबरी मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो नवरात्रि के आरंभ से लेकर दीपावली तक नियुक्तियों की घोषणा संभव है। इन नियुक्तियों में संगठनात्मक और सामाजिक संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है।

सीएम हाउस में 9 नेताओं की विशेष बैठक

शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर एक अहम बैठक हुई जिसमें भाजपा के 9 वरिष्ठ नेता एक साथ बैठे। बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, राकेश सिंह और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि इस चर्चा का केंद्र बिंदु निगम-मंडलों में होने वाली संभावित नियुक्तियां और सत्ता-संगठन के बीच बेहतर समन्वय रहा।

लंच डिप्लोमेसी और दिनभर की मुलाकातें

बैठक के बाद राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, कैलाश विजयवर्गीय के घर लंच पर पहुंचे। इसके कुछ घंटे बाद शाम को कैलाश विजयवर्गीय खुद भाजपा कार्यालय पहुँचे और दोबारा हेमंत खंडेलवाल से मुलाकात की। एक ही दिन में हुई इन लगातार मुलाकातों ने अटकलों को और तेज़ कर दिया। सूत्रों का कहना है कि नियुक्तियों की लिस्ट को लेकर विस्तृत चर्चा की गई और नामों पर अंतिम सहमति बनाने की कोशिश हुई।

प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल का बयान

मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि संगठन में जिम्मेदार और योग्य कार्यकर्ताओं को निश्चित तौर पर अवसर मिलेगा। उन्होंने साफ किया कि हर प्रक्रिया तय समय पर ही पूरी होगी और नियुक्तियों को लेकर किसी तरह की जल्दबाज़ी नहीं होगी। खंडेलवाल ने यह भी दोहराया कि पार्टी अनुशासन और संगठनात्मक संतुलन को ध्यान में रखकर ही फैसले लेती है।

मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा बना संकेत

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का हाल ही में हुआ दिल्ली दौरा भी इस चर्चा को और बल देता है। दिल्ली में उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं से हुई थी। माना जा रहा है कि इन बैठकों में निगम-मंडलों की नियुक्तियों को लेकर हरी झंडी दे दी गई है। सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री पूरी सूची को लेकर दिल्ली गए थे और अब केवल औपचारिक घोषणा बाकी है।

क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन का समीकरण

भाजपा नेतृत्व इस बार नियुक्तियों में क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन साधने पर जोर दे रहा है। संगठनात्मक अनुभव, जातीय समीकरण और कार्यकर्ताओं की निष्ठा को प्राथमिकता दी गई है। लिस्ट में पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, सांसद, संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी और कुछ मौजूदा विधायकों को भी जिम्मेदारी मिल सकती है। इससे पार्टी को चुनावी साल में हर क्षेत्र और वर्ग को साधने का मौका मिलेगा।

36 से अधिक पद लंबे समय से खाली

राज्य में फिलहाल 36 से ज्यादा निगम-मंडलों और आयोगों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद रिक्त पड़े हैं। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी पुरानी राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। अब इन पदों पर नए चेहरों को अवसर देने की तैयारी है। नियुक्तियों के जरिए पार्टी संगठन और सरकार को नए सिरे से ऊर्जा देने की रणनीति पर काम कर रही है।

कौन किस पद पर होगा काबिज़?

सूत्रों की मानें तो कुछ नाम पहले ही तय हो चुके हैं। रामकृष्ण कुसमारिया को ओबीसी आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद संकेत मिला था कि नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बाकी नियुक्तियों में वरिष्ठता, अनुभव और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर पदों का बंटवारा किया जाएगा। अब केवल आधिकारिक घोषणा का इंतज़ार है, जिसके बाद कई नेताओं की लंबे समय से की जा रही प्रतीक्षा समाप्त हो जाएगी।