शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कचरा प्रबंधन के लिए किए जा रहे समुचित उपाय, सिद्धार्थ जैन ने विकास कार्यों का लिया जायजा

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन ने आज इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर विकास कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने जनपद पंचायत देपालपुर के ग्राम पंचायत काली बिल्लोद , घाटा बिल्लोद एवं जनपद पंचायत इंदौर के ग्राम पंचायत बांक में पहुंचकर स्वच्छ भारत मिशन एवं अन्य विकास कार्यों का निरीक्षण किया।

बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अन्तर्गत गाँवों में प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन हेतु जिले में क्लस्टर अप्रोच में कार्य किया जाना है। इस हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सिद्धार्थ जैन के मार्गदर्शन में जिले की कार्य योजना तैयार की जा रही है। जिले में सभी जनपदों में एक मुख्य हब का निर्माण एवं गाँवो के क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के क्रियान्वयन हेतु श्री जैन ने गाँवो का निरीक्षण कर जमीनी तैयारियों का जायजा लिया।

सिद्धार्थ जैन ने ग्राम पंचायत बांक में निर्मित मुख्य हब का निरीक्षण कर इसे अतिशीघ्र पूर्ण क्षमता से संचालित करने के निर्देश दिये। साथ ही गाँव में नियमित साफ-सफाई हो, यह सुनिश्चित करने हेतु सरपंच, सचिव को निर्देशित किया गया। ग्राम पंचायत काली बिल्लोद के मुख्य प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र का भी निरीक्षण किया गया। काली बिल्लोद में निर्मित फ़िकल स्लज ट्रीटमेन्ट प्लांट का भी निरीक्षण किया गया। निर्देश दिए गए कि प्लांट अपनी पूरी क्षमता से कार्य करें, इस हेतु डिसलजिंग वाहन को नियमित संचालित किया जाए एवं प्रचार-प्रसार भी किया जाये। यहाँ पर गीले कचरे के उचित प्रबंधन नहीं होने से मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित को एक सप्ताह में इसे प्रक्रिया अनुरूप किये जाने के निर्देश दिये। इस प्लांट में अतिशीघ्र आवश्यक मशीनों की स्थापना के निर्देश भी पंचायत को दिये गए, जिससे कचरे का निपटान आसान हो सके।

ग्राम पंचायत घाटा बिल्लोद में भ्रमण के दौरान अधूरे पड़े शमशान घाट एवं सामुदायिक स्वच्छता परिसर हेतु ग्राम पंचायत सचिव आजाद खान के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दिए गए। बताया गया कि इंदौर जिले में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के लिये 48 क्लस्टर बनाये गए हैं एवं 4 खंड स्तरीय यूनिट निर्मित की गई है। आवश्यकता अनुसार 5 बड़ी यूनिट एवं 13 छोटी यूनिट का निर्माण किया जाएगा। जिले के ऐसे गांव जिनकी जनसंख्या 3000 से अधिक है, इन गांवों के सरपंच-सचिव का स्वच्छता आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 जुलाई को आयोजित किया जायेगा। जिसमें गाँवो में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा एवं सुझाव लिये जाएंगे।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन ने बताया कि आगामी 6 माह में जिले में प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन हेतु उपयुक्त प्रक्रिया स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है,ताकि शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी समुचित कचरा प्रबंधन रहे। भ्रमण के दौरान जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी श्री मुकेश वर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत इंदौर एवं देपालपुर तथा उपयंत्री उपस्थित थे।