स्वतंत्र समय, टिमरनी
नगर परिषद में अधिकारी और बाबुओं ने मिलकर मनमर्जी से नियम विरुद्ध तरीके से लगभग एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों ( employees ) की नियुक्ति श्रमिक, दैनिक वेतन भोगी के रूप में की गई। ओर लाखो रुपये महीने का भुगतान मस्टरोल से किया जा रहा है।जिससे नगर परिषद को भारी नुकसान हो रहा हैं तो वही नियुक्त किये गए इन कर्मचारियों की नगर परिषद में कोई आवश्यकता नही है नगर परिषद को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।
employees की नियुक्ति में चल रहा परिवारबाद
नगर परिषद में पदस्थ कुछ शासकीय कर्मचारियों ( employees ) द्वारा परिवाद परिवारवाद चलाया जा रहा है इसी के चलते इन बाबू और कर्मचारियों ने अधिकारी से मिलकर अपने-अपने रिश्तेदार भाई, भतीजे, भांजे आदि को नगर परिषद में श्रमिक दैनिक वेतन भोगी के रूप में किसी को कंप्यूटर ऑपरेटर पर तो किसी को फील्ड में आयुष्मान कार्ड वोटर कार्ड एवं समग्र आईडी के विभाग देकर नियुक्त कर रखा है जबकि नगर परिषद में पूर्व से ही दर्जनों भर अधिकारी कर्मचारी पहले से ही नियुक्त हैं। लेकिन नगर परिषद सीएमओ द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे नगर परिषद परिवारवाद और अपनी-अपनी मनमर्जी के कार्य से चलती नजर आ रही है।
सीएमओ उड़ा रही सूचना के अधिकार नियम की धज्जियां
श्रमिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में जब नगर परिषद सीएमओ से सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जानकारी चाही गई की इन कर्मचारियों की नियुक्ति किस आधार, नियम के तहत की गई है और उनकी डिग्री सर्टिफिकेट आदि की जानकारी मांगी गई किंतु नगर परिषद टिमरनी के सीएमओ द्वारा सूचना के अधिकार के नियमों की धज्जियां उडाई जा रही है वही 30 दिन की समय अवधि बीत जाने के बाद भी नगर परिषद के सीएमओ द्वारा जानकारी नहीं दी जा रही है एक सूचना पत्र नगर परिषद सीएमओ को दिया गया की तीन दिवस के अंदर जानकारी नहीं देने पर न्यायालय एवं अपील कार्रवाई के लिए विवश होना पड़ेगा किंतु उसके बावजूद भी नगर परिषद सीएमओ द्वारा जानकारी नहीं दी जा रही है।