अरिजीत सिंह का कंसर्ट- शराब परोसने में नहीं मिली मनमाफिक मंजूरी उड़ेगी नियमों की धज्जियां

इंदौर शहर में शनिवार  को होने वाले अरिजित सिंह के कंसर्ट में शराब परोसने को लेकर काफी घमासान चला आयोजन की पहले शराब की शर्त को लेकर मंजूरी रुक गई थी, जो आखिरकार आयोजको ने हासिल कर ही ली।  लेकिन जिस तरह से आयोजकों को शराब परोसने की अनुमति चाहिए थी वह नहीं मिली। आयोजकों ने पुरे कंसर्ट परिसर मे शराब परोसने की अनुमति मांगी थी लेकिन आयोजकों को सिर्फ लाउंज में ही शराब परोसने की अनुमति दी गई है। अब यदि आयोजको ने पुरे परिसर में शराब परोसने की अनुमति मांगी थी तो पुरे परिसर में शराब परोसी जाएंगी इसकी संभावना अधिक है अब देखना यह है कि आबकारी कितना अपना जलवा दिखा पाएंगा या नियमों की धज्जियां उड़ती रहेगी। हालांकि, आयोजक करीब 18 करोड़ के टिकट बेच चुके हैं, इस हिसाब से एक करोड़ 80 लाख के करीब का टैक्स बनता है। महापौर ने कहा कि यह स्वस्थ परंपरा है, इंदौर में आयोजन हो, उन्हें कोई समस्या नहीं आए लेकिन साथ ही निगम को पूरा टैक्स भी दिया जाए।

पूरे परिसर में नहीं बंटेगी शराब
कंसर्ट के आयोजक बीते 15 दिन ले लगे हुए थे कि उन्हें कैसे आयोजन स्थल पर शराब परोसने की मंजूरी मिल जाए। लेकिन प्रशासन और आबकारी ने कंसर्ट से कुछ घंटे पहले आयोजकों सिर्फ लाउंज में ही शराब परोसने की अनुमति प्रदान की। इससे पहले आयोजकों और प्रशासन के बीच शराब परोसने को लेकर लंबी खींचतान सुलझ गई। आबकारी विभाग ने दो लाख रुपए फीस लेकर लेकर लाइसेंस जारी कर दिया। लेकिन खास बात ये कि शराब केवल लाउंज एरिया तक ही सीमित रहेगी। यानी पूरे कंसर्ट ग्राउंड में शराब बैन रहेगी।

18 करोड़ का,  नहीं चुकाया आयोजक ने टैक्स
आयोजकों ने अब तक करीब 18 करोड़ रुपए के टिकट बेच दिए हैं, जिससे अनुमानित टैक्स 1.80 करोड़ बनता है। लेकिन नगर निगम को अभी तक सिर्फ 50 लाख रुपए ही मिले हैं। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा की सख्ती के बाद यह रकम मिली है। यही पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आयोजन को कुल 55 शर्तों के साथ हरी झंडी दी है। हालांकि एक बड़ा सवाल यह भी है कि परमिशन 12,000 लोगों के लिए है, लेकिन 20,000 से ज्यादा टिकट और सैकड़ों वीवीआईपी पास पहले ही बंट चुके हैं। खैर तमाम उठा-पटक के बाद इंदौर शहर में कंसर्ट हो ही जाते है पुलिस प्रशासन और आबकारी के अधिकारी अपनी सख्ती दिखाने का दिखावा करके बस टैक्स के आसपास ही घूमते रहते है। उन्हें इंदौर की संस्कृति से तो वैसे भी कोई लेना देना है नहीं।