धार जिले के सरदारपुर में आशा और उषा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक बार फिर आवाज बुलंद की है। गुरुवार को आशा-उषा कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एक विशाल रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल से मुलाकात कर उन्हें 6 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी वाजिब मांगों के लिए संघर्ष कर रही हैं, लेकिन शासन स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं और उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की।
पूर्व सीएम की घोषणा पर अमल का इंतजार
ज्ञापन के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने पूर्ववर्ती सरकार के वादों की याद दिलाई। उन्होंने बताया कि 29 जुलाई 2023 को भोपाल के लाल परेड मैदान में आशा कार्यकर्ताओं की महापंचायत आयोजित की गई थी। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि कार्यकर्ताओं के मानदेय में प्रतिवर्ष 1000 रुपए की वृद्धि की जाएगी।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह घोषणा केवल कागजी साबित हुई है। उन्हें आज तक यह बढ़ी हुई राशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा, उन्होंने भुगतान प्रक्रिया में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि अप्रैल 2025 से उनका भुगतान टुकड़ों में किया जा रहा है, जिसे एकमुश्त जारी किया जाना चाहिए।
मानदेय 12 हजार करने और संविदा दर्जे की मांग
विधायक को सौंपे गए ज्ञापन में संगठन ने छह प्रमुख मांगें रखी हैं। इनमें सबसे प्रमुख मांग आशा और उषा कार्यकर्ताओं के मानदेय को 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार रुपए प्रतिमाह करना है। इसके साथ ही, आशा पर्यवेक्षकों और कार्यकर्ताओं को संविदा कर्मचारी का दर्जा देने की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई है।
अन्य मांगों में लंबित भुगतानों को शीघ्र जारी करना और अन्य सुविधाओं को तत्काल प्रभाव से लागू करना शामिल है। कार्यकर्ताओं ने विधायक से अनुरोध किया कि वे इन मुद्दों को विधानसभा में गंभीरता से उठाएं ताकि सरकार पर दबाव बन सके।
विधायक ने दिया सीएम को पत्र लिखने का आश्वासन
विधायक प्रताप ग्रेवाल ने कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने के बाद उन्हें आश्वस्त किया। उन्होंने माना कि आशा और उषा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर ईमानदारी से अपनी सेवाएं दे रही हैं।

“सौंपे गए ज्ञापन की हर मांग को गंभीरता से लिया जाएगा। मैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर आपकी समस्याओं से अवगत कराऊंगा और इस संबंध में कलेक्टर से भी चर्चा करूंगा।” — प्रताप ग्रेवाल, विधायक, सरदारपुर