स्वतंत्र समय, भोपाल
विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन भोपाल में किसान कांग्रेस के कार्यकर्ता ( Congressmen ) विधानसभा का घेराव करने पहुंचे। रंगमहल चौराहे पर प्रदर्शन के बीच कांग्रेस का मंच टूट गया। 30-40 लोगों के लिए बने मंच पर 150 लोग चढ़ गए। मंच टूटने से 10 अधिक कार्यकर्ता घायल हुए, इनमें सबसे ज्यादा हालत खराब राजीव सिंह की है।
150 से अधिक Congressmen मंच पर चढ़ गए
कार्यक्रम के दौरान मंच पर एक छोटी बैलगाड़ी प्रतीक के तौर पर रखी गई थी, जिस पर धान और हल रखा था। नेता और कार्यकर्ता इस बैलगाड़ी की पूजा करने और फोटो खिंचवाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता ( Congressmen ) मंच पर चढ़ने लगे। देखते ही देखते भीड़ बढ़ती गई और मंच पर करीब 150 लोग पहुंच गए, जबकि इसकी क्षमता सिर्फ 30-40 लोगों की थी। अचानक मंच चरमराने लगा और भारी दबाव के कारण टूटकर गिर गया। मंच गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग टेबल और कुर्सियों के नीचे दब गए, तो कुछ कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए। महिला कार्यकर्ताओं को भी गंभीर चोटें आईं। उधर, पुलिस ने वाटर कैनन से सभी को रोक लिया। सिंघार ने कहा कि सरकार किसानों की बात सुनना नहीं चाहती। कांग्रेस किसानों के हक के लिए आवाज उठाती है तो वाटर कैनन छोड़ा जाता है, लाठीचार्ज किया जाता है।
राजीव सिंह के पेट में लोहे की रॉड घुसी
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव सिंह और प्रवक्ता रोशनी यादव को गंभीर चोटें आई हैं। राजीव सिंह के एक हाथ के ऊपरी हिस्से में कंधे के पास सरिया घुसने से आर्टरी, नसें कट गई हैं। सिद्धांता हॉस्पिटल के डॉयरेक्टर डॉ. सुबोध वार्ष्णेय ने बताया कि 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद रॉड निकाल दी गई है। उनकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
भाजपा नहीं चाहती थी कि प्रदर्शन हो: गोविंद सिंह
पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने मंच टूटने को लेकर कहा कि ये भाजपा का षड्यंत्र है। वो चाहती ही नहीं थी कि कांग्रेस का प्रदर्शन हो। बड़ी मुश्किल से मंच लगाने की परमिशन दी, लेकिन मंच के लिए मजबूत पाए लगाने नहीं दिए। और हमारे यहां ये परंपरा है कि मंच पर पदाधिकारी भी मौजूद रहते हैं। ज्यादा भार के कारण मंच टूट गया।
सरकार के पास किसानों के सवालों के जवाब नहीं: पटवारी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके बाद वे मंच टूटने से घायल हुए नेता और कार्यकर्ताओं से मिले। उन्होंने कहा कि घायलों कि हालत अब ठीक है। उन्होंने कहा, न सोयाबीन के सही दाम हैं न गेहूं के दाम हैं। ये कैसा अहंकार है, जब किसान ज्ञापन देने आते हैं तो वो भी नहीं सुनते। हमारे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से 10 सवाल पूछे, बीजेपी की मोहन सरकार के पास इन सवालों के कोई उत्तर नहीं है। हम किसानों की लड़ाई तन-मन और धन से लड़ेंगे।