Assembly Election 2024 Date: चुनाव आयोग आज (मंगलवार) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। आयोग दोपहर 3:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा, जिसमें चुनाव की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की जाएगी। महाराष्ट्र में पिछले दो विधानसभा चुनावों की तरह, इस बार भी एक फेज में मतदान की संभावना है। यह घोषणा राज्य के राजनीतिक माहौल को प्रभावित कर सकती है, और सभी राजनीतिक दलों की तैयारी पर असर डालेगी।
झारखंड में पांच चरणों में वोटिंग का ट्रेंड बरकरार रह सकता है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को समाप्त होगा, जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म होगा। इन तिथियों के मद्देनजर, दोनों राज्यों में चुनावी प्रक्रिया की तैयारी तेजी से चल रही है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों के बीच गतिविधियां और भी बढ़ेंगी, जिससे चुनावी माहौल और गरमाने की संभावना है।
राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था, जिसमें बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला था। हालांकि, आंतरिक कलह के कारण शिवसेना ने गठबंधन तोड़ दिया और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। इसके बाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने महाविकास अघाड़ी में शामिल होकर सरकार बनाई, जिसमें उद्धव ठाकरे नए मुख्यमंत्री बने। 2022 में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 40 विधायकों के साथ मिलकर भाजपा के साथ सरकार बनाई, जिसके परिणामस्वरूप शिंदे नए मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2023 में अजित पवार भी सरकार में शामिल हो गए, जिससे राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है। राजनीतिक हलचल और समीकरणों के इस बदलाव से आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।
महाराष्ट्र विधानसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों के पास सीटों का बंटवारा इस प्रकार है:
सत्तारूढ़ महागठबंधन (कुल सीटें – 201)
– भाजपा: 103 सीटें
– शिवसेना: 37 सीटें
– एनसीपी: 39 सीटें
– छोटे दल: 9 सीटें
– निर्दलीय: 13 सीटें
महाविकास अघाड़ी (कुल सीटें – 67)
– कांग्रेस: 37 सीटें
– शिवसेना (यूबीटी): 37 सीटें
– एनसीपी (शरद पवार): 13 सीटें
– शेकाप: 1 सीट
– स्वतंत्र: 1 सीट
यह सीट बंटवारा राज्य की राजनीतिक स्थिति को दर्शाता है और आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
झारखंड में झामुमो (JMM) के नेतृत्व वाली सरकार है। बीजेपी को सरकार बनाने के लिए संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल की 32 सीटों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। संथाल परगना की 18 सीटों में से पिछली बार बीजेपी ने सिर्फ 3 सीटें जीती थीं, जबकि कोल्हान प्रमंडल की 14 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था। जमशेदपुर पूर्वी से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी हार गए थे। हाल ही में, भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा था। इसके बाद चंपई सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री बने। लेकिन जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन ने चंपई से मुख्यमंत्री पद वापस ले लिया। इसके बाद चंपई सोरेन ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इस राजनीतिक उथल-पुथल के चलते आगामी चुनावों में विभिन्न दलों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी