स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने विधान सभा में बताया कि बीते दस साल के दौरान मप्र सरकार ने इंदौर और भोपाल में आयोजित की गई इंवेस्टर समिट और उद्योगपतियों को बुलाने पर 268 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह आंकड़ा केवल औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग से जुड़ा हुआ है, जबकि अन्य विभाग पीडब्ल्यूडी, नगर निगमों आदि ने भी शहरों को सजाने पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, जिसका आंकड़ा सरकार ने पेश नहीं किया। इसमें सीएम की विदेश यात्राएं भी शामिल हैं।
नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर CM Mohan Yadav ने दिया जवाब
उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के सवाल पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने लिखित में जवाब देते हुए इसकी जानकारी दी। जवाब में बताया गया कि 2015 के दौरान यूएसए में मुख्यमंत्री के रोड शो एवं बिजनेस सेमीनार पर 2 करोड़ 46 लाख रुपए खर्च हुए। मुंबई एवं दिल्ली में 22-31 अगस्त 2015 को उद्योगपतियों से वन-टू-वन पर 3 लाख 28 हजार, जापान एवं साउथ कोरिया में रोड शो एवं बिजनेस सेमीनार 29 सिंतबर और 7 अक्टूबर 2015 को करने पर एक करोड़ 44 लाख, मेक इन इंडिया रोड शो यूएसए में करने पर 3.39 लाख, सिंगापुर में 12 से 16 जनवरी 2016 तक रोड शो पर 71.78 लाख, 19 से 24 जून 2016 में रोड शो और बिजनेस सेमीनार पर एक करोड़ से अधिक राशि खर्च की गई। यह राशि तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की यात्राओं पर व्यय हुई है। इसी तरह 29 अगस्त से एक सितंबर 2016 तक यूएसए में रोड शो और बिजनेस मीट पर एक करोड़ 53 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
इंदौर में खर्च हुए 16.85 करोड़
तत्कालीन सीएम द्वारा लंदन (यूके) में 25 से 28 सितंबर तक रोड शो किया, इस पर एक करोड़ 6 लाख रुपए खर्च किए। इसके बाद 22-23 अक्टूबर 2016 को इंदौर में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट पर उद्योग विभाग ने सिर्फ 16.85 करोड़ की राशि खर्च की। बैंकॉक थाईलैंड में रोड शो पर दस लाख, मास्को एवं सेंट पीटर्सबर्ग में 16-26 जून 2017 को रोड शो पर एक करोड़ 29 लाख, 22 से 27 अक्टूबर 2017 में न्यूयार्क एवं वाशिंगटन में रोड शो एवं बिजनेस सेमीनार पर एक करोड़ 4 लाख, लंदन में फिर रोड शो पर 24 लाख, लंदन यूके एवं स्वीडन में 8 नवंबर 2018 को मीटिंग पर 22 लाख रुपए खर्च किए। इंदौर में ही 18 अक्टूबर 2019 को आयोजित मैग्नीफिसेंट मप्र-2019 पर करीब 22 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
भोपाल जीआईएस पर 82 करोड़ खर्च
वर्ष 2022 में सरकार ने मुंबई, दिल्ली, पूणे, बैंगलोर आदि में इंवेस्टर सेमीनार आयोजित किए और इन पर करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए। लेकिन 11-12 जनवरी 2023 को इंदौर में आयोजित इंवेस्ट मप्र-ग्लोबल समिट पर 15.65 करोड़, रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उज्जैन 2024 पर 14.23 करोड़, जबलपुर में करीब 10 करोड़, ग्वालियर में आयोजित कॉन्क्लेव में 12.29 करोड़, सागर में आयोजित कॉन्क्लेव पर 16 करोड़, यूके, लंदन एवं जर्मनी में सीएम की यात्रा पर 11 करोड़, नर्मदापुरम में रीजनल कॉन्क्लेव पर 10 करोड़, 27 जनवरी से 1 फरवरी तक जापान यात्रा पर 7.31 करोड़, दिल्ली में 12 फरवरी 2024 को इंटरक्टिव सत्र पर एक करोड़ 40 लाख तथा भोपाल में 24-25 फरवरी को आयोजित जीआईएस पर सरकार ने 82.31 करोड़ की राशि खर्च की है।