Skin Care Tips: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, शरीर और मन दोनों में बदलाव आना शुरू हो जाते हैं। खासकर 30 से 35 की उम्र के बाद ये बदलाव साफ नज़र आने लगते हैं। स्किन पर झुर्रियां, मसल्स में कमजोरी, बालों से जुड़ी परेशानियां और थकान महसूस होना। ये सब उम्र के साथ आने वाले संकेत हैं। लेकिन अच्छी बात ये है कि सही देखभाल और थोड़े से लाइफस्टाइल बदलाव से आप 35 की उम्र के बाद भी हेल्दी स्किन और फिट बॉडी पा सकते हैं।
30 के बाद स्किन और मसल्स में बदलाव क्यों आते हैं?
इस उम्र के बाद कोलेजन और इलास्टिन नामक प्रोटीन का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे स्किन की कसावट घटने लगती है और झुर्रियां दिखने लगती हैं। मसल्स भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं, जिससे चलने-फिरने या रोज़मर्रा के काम करने में दिक्कत और थकान महसूस होती है। इसके पीछे बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल, गलत खानपान और कुछ आदतें ज़िम्मेदार होती हैं।
इन आदतों से बचना ज़रूरी है
हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 30 की उम्र के बाद अगर चेहरे पर झुर्रियां और मसल्स में कमजोरी आने लगे, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
- धूम्रपान और तंबाकू से दूरी रखें, क्योंकि ये न केवल स्किन को जल्दी बूढ़ा करते हैं बल्कि मसल्स को भी कमजोर बनाते हैं।
- शराब से परहेज करें, क्योंकि यह स्किन की नमी और मसल्स की ताकत दोनों को कम कर देती है।
- धूप में निकलते समय सनस्क्रीन जरूर लगाएं, क्योंकि सूर्य की हानिकारक किरणें झुर्रियां और स्किन डैमेज का कारण बन सकती हैं।
- स्किन और मसल्स को हेल्दी रखने के आसान उपाय
- संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन C, विटामिन E और प्रोटीन की भरपूर मात्रा हो। ये स्किन को चमकदार और मसल्स को मजबूत बनाए रखने में मदद करते हैं।
- नियमित एक्सरसाइज करें, खासकर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, जो मसल्स को टोन करने और मजबूत बनाने में कारगर है। लेकिन अगर कोई मेडिकल कंडीशन हो, तो पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
- हाइड्रेटेड रहें, रोज़ाना कम से कम 8 गिलास पानी पिएं ताकि स्किन सॉफ्ट और ग्लोइंग बनी रहे।
लाइफस्टाइल में ये बदलाव करें
- रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद लें, ताकि शरीर और त्वचा दोनों को रिपेयर और रिफ्रेश होने का समय मिल सके।
- शुगर और जंक फूड कम करें, क्योंकि ये स्किन और मसल्स की हेल्थ पर बुरा असर डालते हैं।
- स्ट्रेस कम करें, इसके लिए मेडिटेशन या योगा को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
- समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहें, ताकि किसी भी समस्या का पता समय रहते लगाया जा सके।
Disclaimer : यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। स्वतंत्र समय इसकी प्रामाणिकता या वैज्ञानिक पुष्टि का समर्थन नहीं करता है।