पवन खेड़ा : बिहार में बढ़ते अपराधों पर एडीजी कुंदन कृष्णन के बयान से सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि यह एनडीए सरकार की सोच को दिखाता है। उन्होंने पूछा कि क्या आईसीयू में हत्या होना जंगलराज नहीं है? खेड़ा ने तंज कसा कि क्या बिहार में हर बार नया क्राइम एपिसोड आता है? उन्होंने कहा कि बिहार अब संभावनाओं का नहीं, डर का प्रदेश बन गया है।
बिहार में बढ़ते अपराध पर एडीजी कुंदन कृष्णन ने क्या कहा?
हाल ही में बिहार में बढ़ते अपराधों को लेकर एडीजी कुंदन कृष्णन के बयान पर विवाद हो गया। उन्होंने कहा कि अप्रैल से जुलाई के बीच फसलें नहीं होतीं, इसलिए खेतों में काम करने वाले मजदूर उस समय बेरोजगार रहते हैं। इसी खाली समय में कुछ युवा गलत रास्ता पकड़ लेते हैं और पैसे कमाने के लिए सुपारी लेकर हत्या तक कर देते हैं। उन्होंने बेरोजगारी को अपराध बढ़ने की एक बड़ी वजह बताया।
सवालों के बीच पुलिस अधिकारी ने दी सफाई
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद एडीजी कुंदन कृष्णन ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनका बयान आंकड़ों पर आधारित है। उन्होंने बताया कि हर साल मई से जुलाई के बीच हत्या के मामलों में बढ़ोतरी होती है। 2024, 2023 और 2022 में इन महीनों में हत्या के आंकड़े ज्यादा रहे। एडीजी ने अप्रैल से जुलाई के आंकड़े सामने रखकर कहा कि इन्हीं के आधार पर उन्होंने बात की थी और उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।
विवाद की जड़ क्या है
पूरा मामला तब शुरू हुआ जब पटना के राजा बाजार इलाके के पारस हॉस्पिटल में हथियारबंद बदमाशों ने एक मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक चंदन मिश्रा बक्सर का रहने वाला था और पहले से हत्या के एक केस में जेल में बंद था। बीमारी के चलते उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल लाया गया था। इस वारदात के बाद बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर राजनीति गर्म हो गई और विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए।