Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर पर काम जोरों पर चल रहा है। जानकारी के लिए बता दें 22 जनवरी 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी। जिसके चलते काम तेजी से चल रहा है। जानकारी के मुताबिक बता दें मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। भगवान राम के विराजमान होने का अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू हो जाएगा। अयोध्या का नगर भ्रमण करने के बाद प्रभु राम मंदिर परिसर में पहुंचेंगे।
22 जनवरी को एक नहीं दो मूर्तियों की होगी प्राण प्रतिष्ठा
आचार्य अरुण दीक्षित ने बताया कि पद्मिनी वेदी में भगवान को बिठाकर पूजन के संस्कार किए जाएंगे। इस वेदी में विराजमान रामलला की मूर्ति ही रखी जाएगी। नवनिर्मित मूर्ति आकार में बड़ी है इसलिए उसे बार-बार इधर-उधर नहीं किया जा सकता। इसी के चलते अनुष्ठान की प्रक्रिया छोटी मूर्ति के साथ पूरी की जाएगी। हालांकि प्राण प्रतिष्ठा दोनों मूर्तियों की होगी। पूजन के जो विधिविधान व संस्कार छोटी मूर्ति के होंगे वहीं अचल मूर्ति के भी होंगे।
17 जनवरी से शुरू हो जाएगा अनुष्ठान
जानकारी के मुताबिक बता दें मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम की नगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। भगवान राम के विराजमान होने का अनुष्ठान 17 जनवरी से शुरू हो जाएगा। अयोध्या का नगर भ्रमण करने के बाद प्रभु राम मंदिर परिसर में पहुंचेंगे, जहां लगभग 150 वैदिक विद्वान प्रभु राम के विराजमान होने का यज्ञ अनुष्ठान करेंगे। इसके साथ ही साथ 22 जनवरी को जब श्रीराम विराजमान हो जाएंगे तो उसके बाद भी राम जन्मभूमि परिसर में 23 जनवरी से लेकर आगामी 48 दिनों तक यानी कि मार्च महीने तक राम जन्मभूमि परिसर में मंडल पूजा की जाएगी।
रामानंदीय परंपरा के अनुसार होगा पूरा कार्यक्रम
यह पूरा कार्यक्रम रामानंदीय परंपरा के अनुसार हो रहा है। पूजन से लेकर अनुष्ठान हवन यज्ञ काशी के विद्वानों द्वारा कराए जाएंगे। पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और लक्ष्मीकांत दीक्षित के शिष्यों द्वारा यह पूरा अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा। इस पूरे आयोजन में दक्षिण भारत की झलक दिखाई देगी। यही कारण है कि 22 जनवरी को भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव कार्यक्रम के समापन के बाद 23 जनवरी से 48 दिन तक चलने वाला एक और अनुष्ठान शुरू होगा। जिसे मंडल पूजा का नाम दिया गया है। सर्वतोभद्र मंडल मंगलप्रद एवं कल्याणकारी माना जाता है।
सात दिवसीय अनुष्ठान की पूरी प्रक्रिया
16 जनवरी- मंदिर ट्रस्ट की ओर से नियुक्त यजमान द्वारा प्रायश्चित, सरयू नदी के तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजन और गोदान
17 जनवरी- रामलला की मूर्ति के साथ अयोध्या भ्रमण करेगी शोभायात्रा, मंगल कलश में सरयू का जल लेकर मंदिर पहुंचेंगे श्रद्धालु
18 जनवरी- गणेश अंबिका पूजन, वरुण पूजन, मातृका पूजन, ब्राह्मण वरण, वास्तु पूजन आदि से विधिवत अनुष्ठान आरंभ होगा
19 जनवरी- अग्नि स्थापना, नवग्रह स्थापना और हवन
20 जनवरी- मंदिर के गर्भगृह को 81 कलशों के जल से धोने के बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास होगा
21 जनवरी- भगवान के विग्रह का 96 कल कलशों हजार छिद्रों वाले कलश से दिव्य स्नान के बाद शैयाधिवास कराया जाएगा
22 जनवरी- सुबह पूजन के बाद मध्यान्ह काल में मृगशिरा नक्षत्र में रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा होगी