Ayushman Yojna: केंद्र सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर उन्हें वर्षभर में पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज प्राप्त करने का लाभ दिया है। हालांकि, कई बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड बनवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से कुछ प्रमुख समस्याओं में ऑनलाइन प्रक्रिया की जटिलता, दस्तावेज़ों की कमी और डिजिटल जानकारी की सीमित समझ शामिल हैं। सरकार इन समस्याओं को हल करने के प्रयास कर रही है ताकि बुजुर्ग आसानी से आयुष्मान योजना का लाभ उठा सकें।
आयुष्मान योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को कार्ड बनवाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इसका मुख्य कारण यह है कि कई बुजुर्गों का मोबाइल नंबर उनके आधार कार्ड से लिंक नहीं है। इससे आवश्यक ओटीपी नहीं आ पाता और कार्ड बनवाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती है। इस समस्या के समाधान के लिए बुजुर्गों को आधार केंद्रों पर जाकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट करवाना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, कई वरिष्ठ नागरिकों के फिंगरप्रिंट मशीन द्वारा ठीक से पढ़े नहीं जा रहे हैं, जिससे उनकी पहचान सत्यापित करने में भी समस्या उत्पन्न हो रही है।
इंदौर में लगभग 1.30 लाख वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलना है, लेकिन मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक न होने के कारण यह प्रक्रिया धीमी हो रही है। पिछले 10 दिनों में केवल 4500 कार्ड ही बन पाए हैं। अधिकारियों के अनुसार, मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना आवश्यक है, और यह प्रक्रिया 24 घंटे में पूरी की जा सकती है। एक बार मोबाइल नंबर लिंक हो जाने पर बुजुर्ग घर बैठे ही आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इलाज के दौरान कई बुजुर्गों को फिंगरप्रिंट की समस्या भी आ रही है, जिससे उनका पहचान सत्यापन नहीं हो पाता और योजना का लाभ नहीं मिल पाता। ऐसे में वे अपना आधार कार्ड अपडेट करवाएं, ताकि जब भी अस्पताल में भर्ती हों, उन्हें इस योजना का लाभ आसानी से मिल सके।
बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कई तरह की समस्याएं आ रही हैं, जिसमें एमपी ऑनलाइन केंद्रों पर शुल्क वसूलने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जैसे सुदामा नगर के 72 वर्षीय दंपती ने बताया कि उन्हें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया समझ नहीं आ रही थी, इसलिए वे नजदीकी एमपी ऑनलाइन केंद्र पर गए, जहां उनसे एक कार्ड बनाने के लिए 100 रुपये शुल्क लिया गया। हालांकि, यह प्रक्रिया पूरी तरह निश्शुल्क है, और शुल्क लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए बुजुर्गों को अब घर बैठे आवेदन की सुविधा भी मिल रही है। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होता है। फिर संबंधित दस्तावेज अपलोड कर ओटीपी वेरिफिकेशन करने के बाद आवेदन को सबमिट किया जाता है। सभी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद आयुष्मान कार्ड लगभग एक घंटे में बनकर तैयार हो सकता है। इसके अलावा, आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए एमपी ऑनलाइन सेंटर, सरकारी अस्पताल, आशा कार्यकर्ता और आयुष्मान योजना से सूचीबद्ध अस्पतालों से भी सहायता ली जा सकती है।