Baidyanath Dham in Sawan : सावन का आगमन होते ही संपूर्ण भारत शिवमय हो उठता है। मंदिरों में घंटियों की गूंज और भक्तों के “बोल बम” के जयघोष से वातावरण शिवभाव से भर जाता है। परंतु, इस भक्तिभाव की लहरों के बीच एक स्थान ऐसा है जो विशेष आकर्षण और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन जाता है, झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम। यह मंदिर न केवल एक पवित्र तीर्थ है, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और तपस्या का जीता-जागता प्रतीक भी है।
बैद्यनाथ धाम (Baidyanath Dham)
बाबा बैद्यनाथ धाम का सबसे बड़ा गौरव यह है कि यह भगवान शिव के द्वादश (12) ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसके साथ एक प्राचीन पौराणिक कथा जुड़ी है जो लंकापति रावण से संबंधित है। रावण ने शिव को प्रसन्न कर उनसे आत्मलिंग प्राप्त किया था, जिसे वह लंका ले जाना चाहता था। परंतु देवताओं की याचना पर भगवान विष्णु ने चाल चली, जिससे रावण को आत्मलिंग को धरती पर रखना पड़ा। यह स्थान वहीं है जहां वह आत्मलिंग रखा गया और वह स्थान आज बाबा बैद्यनाथ धाम के रूप में प्रसिद्ध है। यह कथा इस मंदिर की आस्था को और भी प्रगाढ़ बना देती है।
कांवड़ यात्रा
सावन के महीने में जब भक्तजन गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर बाबा बैद्यनाथ के दरबार में पहुंचते हैं, तो वह दृश्य किसी तीर्थ से कम नहीं होता। पवित्र गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक करना इन भक्तों के लिए जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य होता है। उनके पैरों की थकान, शरीर की पीड़ा और यात्रा की कठिनाइयाँ, सब “बोल बम” के स्वर में डूब जाती हैं। इस यात्रा में जो भक्ति और समर्पण है, वह किसी तपस्या से कम नहीं।
यहां मिलती है आत्मिक शांति
बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश करते ही एक दिव्य ऊर्जा और आध्यात्मिक कंपन महसूस होता है। मंत्रोच्चार, घंटियों की ध्वनि और श्रद्धालुओं की भीड़ से उत्पन्न वातावरण भक्तों को एक अलग ही भाव-जगत में पहुँचा देता है। सावन के हरे परिधानों में सजे कांवरियों से सुसज्जित मंदिर परिसर अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करता है। यह जगह उन सभी के लिए आश्रय बन जाती है जो अपने जीवन की परेशानियों से पल भर के लिए मुक्ति पाना चाहते हैं।
मनोकामना लिंग: आस्था से पूर्ण होती हैं इच्छाएँ
बाबा बैद्यनाथ को ‘मनोकामना लिंग’ के रूप में भी पूजा जाता है। ऐसी अटूट मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं, चाहे वह स्वास्थ्य की कामना हो, आर्थिक समृद्धि, संतान सुख, वैवाहिक सफलता या मोक्ष की आकांक्षा। यह विश्वास ही हर साल करोड़ों भक्तों को देवघर खींच लाता है और उन्हें बाबा के चरणों में अर्पित कर देता है।
बाबा बैद्यनाथ धाम मात्र ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं है। यह स्थान भक्तों की आस्था, विश्वास और प्रेम से बना हुआ है। सावन में यहां का वातावरण एक आध्यात्मिक उत्सव जैसा प्रतीत होता है। यह धाम श्रद्धालुओं को न केवल भगवान शिव से जोड़ता है, बल्कि उन्हें अपने भीतर झांकने, संयम रखने और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। यहां की यात्रा, यहां की वंदना और बाबा का सान्निध्य जीवन को एक नया अर्थ दे देता है।